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घायल बाघिन के व्यवहार की जांच करने वाली टीम में सरपंच भी । क्या टीम के सदस्य वन्य प्राणियों के व्यवहार के एक्सपर्ट हैं ?

जंगल की शेरनी के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने बनाई टीम पर उठते सवाल ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 26.06.2021

 

Sanjeev Shukla

बिलासपुर आठ जून को अचानकमार टाईगर रिजर्व एरिया से एक घायल बाघिन का रेसक्यू दो दिन की मेहनत के बाद किया गया था । बाघिन के पीठ पर एक गहरा घाव था जिसके कारण बाघिन की तबीयत खराब हो गई और वो चलने फिरने में असमर्थ होकर एक जगह बैठी रह गई ।

फाईल फोटो

इस बात की जानकारी अचानकमार के अधिकारियों को चार छह दिन बाद हुई जानकारी के बाद कान्हा टाईगर रिजर्व के एक्सपर्टो के साथ स्थानीय वेटनरी डाक्टरों की टीम बनाई गई जिन्होंने इस बाघिन का रेसक्यू  और प्राथमिक उपचार किया ।
इसके बाद बेहतर उपचार के लिए घायल बाघिन को कानन पेण्डारी जू भेज दिया गया । इस बीच बाघिन की तबीयत कैसी है इस बात की कोई ब्रिफिंग विभाग ने मीडिया को नहीं दी ।

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लेकिन 22 जून को जारी एक पत्र से ये तो पता चला कि बाघिन का स्वास्थ्य बेहतर ही होगा क्योंकि इस पत्र के द्वारा एक सात सदस्यों की  टीम बनाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई । ये टीम कानन में बाघिन के स्वास्थ्य पर नजर रखेगी और तकनीकी सलाह देगी  कि बाघिन का व्यवहार कैसा हो रहा है ? क्या उसे वापस जंगल में छोड़ा जा सकता है ? इसके लिए टीम एक बार से ज्यादा बार वहां का दौरा कर सकती है ।

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सात सदस्यों वाली इस टीम में अब वाईल्ड लाईफ से संबंधित कितने एक्सपर्ट हैं पता नहीं । पूरी टीम पर सवाल नहीं है क्योंकि इसमें डाक्टर भी है और विभाग के अधिकारी भी । लेकिन टीम के कुछ सदस्यों पर जरूर सवाल खड़े हो रहे हैं । इस टीम में एक सरपंच भी है और साथ ही कुछ संस्थाओं के सदस्य भी । क्या ये इतने एक्सपर्ट है जो एक जंगल में स्वच्छंद विचरण और शिकार करने वाली बाघिन के व्यवहार और उसके उस स्तर तक के व्यवहार कि वो जंगल में शिकार करने के अनुकुल हो गई है या नहीं पर अपनी राय दे सकते हैं ?


बाघिन के ईलाज और उसके व्यवहार पर नजर रखने के लिए सरकार को भले चार लोगों की टीम बनानी चाहिए लेकिन वो बाघिन के व्यवहारों के जानकार और एक्सपर्ट होने चाहिए । जिन्होंने सालों जंगलों में इन वन्य जीवों को देखा समझा और परखा हो । जो टाईगर के एक एक व्यवहार को समझते हो ।

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यूं भी अपने यहां टाईगरों की संख्या कम होते जा रही है । अचानकमार टाईगर रिजर्व में टाईगर है या नहीं भी इस बारे में भी इसके पहले कई सवाल उठते रहे है लेकिन इस घायल बाघिन के बाद इतना तो तय हो गया कि जंगल में शेर तो है अब सरकार को इन्हें बचाने और इनकी संख्या बढ़ाने पर काम करना चाहिए । बहरहाल देखना होगा ये टीम बाघिन के व्यवहार को कितना समझ पाती है और कब इनकी राय ये होती है कि अब बाघिन को जंगल में छोड़ देना चाहिए । हमारी दुवा उस बाघिन के साथ है कि वो जल्द ही स्वस्थ्य होकर जंगल में अपनी गर्जना करे ।

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