पंचों को दिया जाए मनरेगा में हाजरी ।
सीईओ ने कहा जांच किया जाएगा यदि ऐसा है तो कड़ी कार्यवाही पंचायत पर होगी ।
दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 05.06.2020
करगीरोड कोटा – कोटा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत खैरा में आज पंचायत ने बैठक आयोजित की बैठक में नए मेटों की नियुक्ति के संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया यहां तक तो सब ठीक है लेकिन इस बैठक में पंचायत के पंचों को भी मनरेगा के तहत हाजरी देने का पस्ताव पारित किया गया है ।
खैरा में आज नए मेट के रूप में संताष , दुर्गेश , कमलकांत , परदेशी , पवन कुमार , परमेश्वर की नियुक्ति हुई तथा ये कल याने सात तारीख से पंचायत में काम काज देखेंगे । इसी के साथ सभी ने मनरेगा के तहत सभी पंचों को हाजरी देने का भी प्रस्ताव पास कर दिया । बैठक के प्रस्ताव की एक कापी दबंग न्यूज लाईव को भी मिली जिसमें इन बातों का उल्लेख है ।
इस बारे में जब जनपद सीईओ संध्यारानी कुर्रे से बात की गई तो उनका कहना था कि – यदि पंच है और मनरेगा में काम किया है तो हाजरी मिलेगी लेकिन यदि काम नहीं किया है तो गलत है ये फर्जी हाजरी का मामला है मैं पता करती हूं यदि ऐसा है तो सरपंच सचिव के उपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी ।
इस बारे मे जब यहां से सचिव मेघनाथ सुमन से बात की तो उसका जवाब दुसरा ही था उनका कहना था – ऐसा कोई प्रस्ताव पास नहीं हुआ है किसी ने निचे एक लाईन लिख दिया है मेरे पास ओरिजनल बैठक का लेटर है जिसमें ये लाईन नहीं लिखी हुई है । सचिव ने उक्त ओरिजनल लेटर भी भेजने की बात कही लेकिन खबर लिखते तक नहीं भेजा ।
अब दो बात सामने आने के बाद इसकी जांच होनी भी जरूरी हो गई है कि क्या वाकई पंचायत ने ऐसा कोई प्रस्ताव पारित किया है या बाद में किसी ने इसमे लिख दिया है । लेकिन सोचने वाली बात ये भी है कि बैठक की कापी तो पंचायत में सचिव के पास ही होगी बाहर दुसरे के पास कैसे आएगी ? और क्या पंचायत के पास ये अधिकार है कि मनरेगा में बिना काम किए वो पंचों को हाजरी दे सकता है ।
इस संबंध में ग्राम पंचायत के सचिव का कहना था – किसी ने बदमाशी किया होगा बाद में । ओरिजनल में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा गया है अब कोैन बदमाशी किया है क्या पता । हमारे पंचायत बैठक के रजिस्टर में भी इस बारे में कुछ नहीं लिखा है ।
जबकि रोजगार सहायक जसवंत जायसवाल का कहना था मुझे नहीं पता किसने क्या किया मेरे पास जो लेटर आया उसमें यही लिखा गया था । हेण्डराईटिंग एक्सपर्ट से मिलान करवा लिया जाए सब क्लियर हो जाएगा ।
खैर अब ये जांच का विषय हो सकता है कि पंचायत के इस प्रस्ताव पर किसने अपनी कलम चलाई । क्या किसी पंच ने ही अपने फायदे के लिए लाईन जोड़ दी ? या फिर कोई और है …..दया कुछ तो गड़बड़ है ।