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आंगनबाड़ी केन्द्र में जितने बच्चे नहीं उससे ज्यादा सांप खेलते मिले।

जर्जर हो चुके भवन में सांपो का साम्राज्य , आखिर कब ध्यान देगी सरकार ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 05 मई 2024

मरवाही – छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले से अलग करते हुए तीन विकासखंडो को मिलाकर नया जिला जीपीएम तो बना दिया गया लेकिन इस नए जिले में छोटे छोटे बच्चों के पढ़ने और ज्ञान प्राप्त करने की जगह आंगनबाड़ी जर्जर स्थिति में है उस तरफ किसी अधिकारी का ध्यान नहीं गया । प्रशासन को सूचारू रूप से चलाने के लिए जरूर कई नई बिल्डिंगे और भवन बन गए होंगे लेकिन बच्चों के आधार को मजबूत करने वाले केन्द्र सालों से जर्जर है ।


मरवाही विकासखंड के करगीकला के छल्काटोला आंगनबाड़ी केन्द्र में आज जो नजारा दिखा उसने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारियों की पोल खोल दी है । आज आंगनबाड़ी केन्द्र का दरवाजा जब खूला तो वहां इतने सांप निकल आए जितने उस केन्द्र में बच्चे भी नहीं होंगे ।

आज सुबह जब मरवाही के करगीकला छलकाटोला आंगनबाड़ी केंद्र में जब बच्चे पहुंचे ,तब मैडम ने आंगनबाड़ी का दरवाजा खोला और देखा कि अंदर से काफी सारे सांप बाहर की ओर निकल रहे हैं ,आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता ने हड़बड़ी में बच्चों को बाहर ही रोक दिया और आसपास के लोगों को इसकी सूचना दी कुछ ही समय में यहाँ भीड़ जुड़ गई, व परियोजना अधिकारी तक इस बात की खबर पहुंच गई, इसके बाद उन्होंने वन विभाग को इसकी जानकारी दी, किसी तरह पेंड्रा के सर्प मित्र द्वारिका कोल को बुलाया गया व सांपों का रेस्क्यू करवाया गया, रेस्क्यू के दौरान आसपास के लोगों ने व सर्प मित्र ने बताया कि आंगनबाड़ी पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जगह-जगह दरारे हैं ,छोटे-छोटे गड्ढे हैं दिवाल फट चुकी हैं, जहां आसानी से सांप रह सकता है ।


लोगो ने देखा सांप जगह जगह से बाहर आ रहे थे,मानो पूरा आंगनबाड़ी सांप के बसेरे के ऊपर बसा हो,लोग इस नजारे को देख के डर गए, बच्चे अंदर होते और उस समय अगर सांप बाहर आता तो कोई अनहोनी हो सकती थी।


दस हजार से ज्यादा सांपो का रेस्क्यू कर चुके सर्प मित्र द्वारिका कोल ने बताया की इस आंगनबाड़ी का पूरा माहौल सांपो के लिए उनके रहवास के जैसा ही है,थोड़ी राहत की बात यह रही की निकले हुए सांप वुल्फ स्नेक थे जो दिखने में पूरे कॉमन करैत के जैसे नजर आते हैं।

ग्रामीणों की माने तो कई बार भवन जर्जरता की जानकारी बाल विकास एवं परियोजना में व अधिकारियों को दी गयी है बावजूद इसके अब तक बच्चों की जान को जोखिम में डालकर उन शिकायतों को दरकिनार किया गया है। अब देखने वाली बात यह होगा कि कब तक आंगनबाड़ी भवन का मरम्मत कार्य शुरू हो पाता है।

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