एक प्रभार लेने को तैयार लेकिन दुसरा देने को तैयार नहीं ।
सीईओ ने एकतरफा प्रभार दिलाने की कोशिश की लेकिन आदेश कागज में रह गया ।
पंच ने कहा – अपने काले कारनामे छुपाने सचिव चार्ज नहीं दे रहा ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार – 17.03.2020
मरवाही – मरवाही ग्राम पंचायत के सचिव रामसिंह मसराम का स्थानान्तरण मरवाही से दूसरे पंचायत में कर दिया गया और उनकी जगह राजेश सुमन को वहां पदस्थ किया गया । लेकिन पूर्व सचिव मसराम को ये पंचायत इतना प्रिय है कि वो यहां से जाना ही नहीं चाहते । स्थानान्तरण आदेश के बाद भी ना तो वे अपने नए पंचायत में प्रभार लेने गए और ना ही नए सचिव राजेश को यहां का चार्ज दिया ।
नए पदस्थ सचिव ने जब प्रभार के लिए बोला तो वो टाल मटोल करने लगे तब नवपदस्थ सचिव राजेश सुमन ने इस बात की जानकारी जनपद के सीईओ को भी दी कि यहां का प्रभार उन्हें नहीं मिल पा रहा है । इसके बाद सीईओ ने एक तरफा प्रभार लेने का आदेश निकाला लेकिन इसके बाद भी नए सचिव को प्रभार नहीं मिल पाया ।
पिछले कई दिनों से यहां सचिवों के आपसी टकराहट के कारण पंचायत के कई कार्य हो नहीं हो पा रहे हैं । मरवाही में साप्ताहिक बाजार का भी ठेका होना था लेकिन सचिव के नहीं होने से ये ठेका भी अभी तक नहीं हो पाया है ।
मरवाही के वार्ड ग्यारह के पंच विनय चैबे का कहना था – ग्राम पंचायत मरवाही एकतरफा आदेश होने के बावजूद भी प्रभार नहीं दिया जा रहा है जिससे ग्राम पंचायत के कार्य प्रभावित हो रहे हैं जबकि उच्च अधिकारी के निर्देश के बावजूद ग्राम पंचायत के सरपंच और उपसरपंच के द्वारा पूर्व सचिव रामसिंह मसराम को वही प्रभार दिलाने के पक्ष में है जिससे उनके काले कारनामों की पोल ना खुले ।
इस संबंध में नवपदस्थ सचिव राजेश सुमन का कहना था – मुझे एक तरफा प्रभार का आदेश प्राप्त हुआ था लेकिन अभी तक मुझे कोई प्रभार नहीं दिया गया हैं
पंचायत इंस्पेक्टर बरूआ का कहना था -अगर सभी पंच और सरपंच पंचायत मीटिंग में बैठकर निर्णय लेते तो पदभार दिया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसलिए जल्द ही उच्च अधिकारी को सूचना दी जाएगी
जनपद पंचायत मरवाही के सीईओ यादवजी का कहना था – एक तरफा प्रभार का आदेश होने के बावजूद भी यहां पदभार नहीं दिया जा रहा है इस संबंध में हमने उच्च अधिकारियों को आवेदन कर दिया है ।
ये मामला इतना तो स्पष्ट कर ही रहा है कि मरवाही में जनपद सीईओ से ज्यादा पावरफूल यहां के सचिव हो गए हैं । यहां के सचिव अपने अधिकारी के आदेश को भी नहीं मानते और सीईओ को ही अब इस मामले में अपने उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाना पड़ रहा है ।