करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

मेकाहार में सामाजिक संस्था मोक्ष को भी काम करना अब कठिन ।

पिछले कई साल से अभावों के बीच करे रहे हैं लावारिश लाशों का सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार ।
नए आए अधीक्षक ने दिया नोटिस परिसर खाली करें ।
स्व.अजीत जोगी ने 2013 में संस्था को दिलवाई थी जमीन ।

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 22.06.2020

 

रायपुर – राजधानी रायपुर में पिछले कई सालों से लावारिश लाशों के कफन दफन का काम करने वाली संस्था मोक्ष के सामने अब काम करना मुश्किल हो रहा है । सीमित संसाधनों में संस्था के सदस्य मेकाहारा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं ।

मेकाहार में पीएम क्षेत्र के बाहर दो कुर्सी डाल कर संस्था के सदस्य लावारिश लाशो का सम्मान पूर्वक कफन दफन कर रहे है । इसके लिए ना तो इन्हें मेकाहार मदद करता है और ना ही सरकार से कोई मदद मिलती है लेकिन ये मोक्ष संस्था के जुनुनी कार्यकर्ता ही है जो बिना डिगे पिछले कई सालों से यहां काम कर रहे । लेकिन लगता है अब इस पुण्य के काम करने में भी बाधा और परेशानी आने वाली है क्योंकि मेकाहार के नए अधीक्षक ने संस्था को नोटिस दिया है कि वो परिसर रिक्त कर दें । ।


संस्था के सदस्यों ने भी कोविड संक्रमण के दौरान अधीक्षक की बात मानी और बाहर से काम किया लेकिन हाल ही में मेकाहार परिसर में सभी का आना जाना शुरू हो गया । पीएम जोन में पुलिस , मृतक के परिजनों के साथ ही बाहरी लोग भी आना जाना कर रहे हैं लेकिन मोक्ष संस्था को यहां आने की अनुमति अधीक्षक ने नहीं दी है ।


सरकार ने इतना जरूर किया कि लावारिश लाशों के कफन दफन के लिए शहर से दूर एक जमीन संस्था को आबंटित कर दी । संस्था के सामने लाशों को वहां ले जाने का भी खर्चा सामने आ गया लेकिन सेवा भाव में जुटे ये लोग अपने सदस्यों के सहयोग से ही इस कार्य को अंजाम देने लगे ।


संस्था को प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी ने 2013 में ग्राम लाभांडी जोरा में जमीन उपलब्ध करवाई थी । उसके बाद से किसी ने भी कोई मदद इस संस्था की नहीं की । इस संस्था ने पिछले सात सालों में कई सौ लाशों का कफन दफन किया है । संस्था का ये काम कानून के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि वे सबूतों को संभालने के रखने में भी मदद कर रहे हैं ।


संस्था के अध्यक्ष जमीर अली ने दबंग न्यूज लाईव से बात करते हुए कहा कि – हम पिछले कई सालों से यहां लावारिश लाशों के कफन दफन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं । सरकार से हमें जो जमीन आबंटित हुई है वो भी शहर से दूर है फिर भी हम काम कर रहे हैं क्योंकि ये हमारे लिए सेवा का काम है । लेकिन पिछले दिनों मेकाहार के अधीक्षक पुनित जैन ने हमें नोटिस दिया कि हम परिसर खाली करें । हम यहां सिर्फ दो कुर्सी लगाकर खुले में बैठते हैं । परिसर से हमें काम करने में सुविधा होती है । बाहर से यहां आने में दिक्कत होगी ।


हमने मेकाहारा के अधीक्षक पुनित जैन से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नही ंहो पाई फिर हमने यहां पीआरओ से भी बात करनी चाही लेकिन उनसे भी संपर्क नही ंहो पाया । रायपुर नगर निगम , मेकाहारा और समाज के अन्य लोगों को ऐसी संस्थाओं को मदद और सहायता करनी चाहिए जो निस्वार्थ भाव से इस पुण्य काम में लगे हों । लेकिन मेकाहार प्रबंधन का व्यवहार संस्था के प्रति सहज नहीं दिखता । मेकाहारा प्रबंधन इस बारे में क्या सोचता है हमें नहीं पता क्योंकि उनका पक्ष हम नहीं जानते ।

Related Articles

Back to top button