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कोटा जनपद सीईओ की अनुभवहीनता आई सामने । कल होगी आपातकालीन बैठक ।

जनपद अध्यक्ष और सभापति सभी नाराज ।
युवा महोत्सव से बिगड़ा माहौल अब ट्रांसफर लिस्ट पर अटका ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 11.12.2022

करगीरोड कोटा – कोटा जनपद में नए नए आए सीईओ ने एक माह में ही अपनी कार्यप्रणाली से कोटा जनपद के शांत माहौल में उबाल ला दिया है और पूरी जनपद बॉडी आक्रोशित हो गई है । कोटा जनपद में ये पहला मौका है जब नए नए आए सीईओ ने कोटा जनपद की पुरी व्यवस्था को ही बदहाल करने का काम कर दिया है जबकि सीईओ का काम होता है कि वो जनपद की व्यवस्था को बेहतर बनाएं । माना कि सीईओ नए और अनुभवहीन है लेकिन उनका स्टॉफ तो पुराना और अनुभवी है ऐसे में उन्हें किसी फैसले के समय उनका भी मार्गदर्शन लेना चाहिए ।

 


कोटा सीईओ सिन्हा से कोटा जनपद के अध्यक्ष से लेकर सभापति और जनपद सदस्य तक काफी नाराज बताए जा रहे हैं । और इस नाराजगी की शुरूवात हुई बिते माह कराए गए युवा महोत्सव से । कोटा जनपद पंचायत ने युवा महोत्सव का आयोजन करवाया था । आयोजन के पहले ना तो सीईओ ने जनपद बॉडी की बैठक रखी और ना ही उन्हें आयोजन के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी दी सीईओ के इस व्यवहार से जनपद अध्यक्ष सहित सभी सभापति और जनपद सदस्य नाराज हो गए । बाद में सीईओ ने इस पूरे आयोजन में हुुए खर्च के लिए अनुमोदन चाहा तो सभी ने हाथ खड़ा कर दिया । अंदरूनी सूत्रों से ये भी जानकारी प्राप्त हुई है कि आयोजन में जो खर्च हुआ है उसका भुगतान अभी तक सीईओ नहीं कर पाए हैं ।

विवाद का अंत यहीं नहीं हुआ है दो दिन पहले ही कोटा जनपद ने 44 सचिवों के स्थानान्तरण की सूची जारी की है और इस सूची ने जनपद पंचायत में बवाल मचा दिया है । इस सूची के बाद जनपद अध्यक्ष मनोहर राज के साथ ही सभापति अश्वनी टोडर ने काफी नाराजगी जताई है ।

नियमानुसा स्थानान्तरण के पहले जनपद पंचायत से अनुमोदन करवाना था जबकि ये महत्वपूर्ण काम ही नहीं हुआ है । सीईओ ने ना तो अध्यक्ष को जानकारी दी और ना ही सामान्य सभा में ये बात रखी । अंदरूनी सूत्रों ने ये तो ये भी बताया कि एक सूची पहले बनी थी जिसे सीईओ ने रातों रात बदल कर अपने दो मुंहलगे कर्मचारियों के साथ उटापटांग ढंग से बदल दिया ।

पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण के लिए कई नियम है जिसे ध्यान में रखना चाहिए लेकिन जनपद सीईओ ने ऐसे सभी नियमों को दरकिनार करते हुए अपने हिसाब से स्थानान्तरण कर दिया और इस बात की जानकारी ना तो जनपद अध्यक्ष को दी और ना ही सभापति लोगों को ।

इस संबंध में जनपद अध्यक्ष मनोहर राज ने दबंग न्यूज लाईव से बात करते हुए कहा – सीईओ सिन्हा को जनपद में आए हुए एक माह ही हुआ है और उनके अनुभवहिनता ने पुरे जनपद का माहौल खराब कर दिया है । ये किसी भी बात के लिए हमसे तो राय ही नहीं लेते सब अपने मन से करते हैं । अभी सचिवों के स्थानान्तरण के समय भी जनपद से अनुमोदन नहीं कराया गया और सूची जारी कर दी गई जिसमें कई खामियां है । सीईओ को जनपद की व्यवस्था बेहतर करने के लिए काम करना चाहिए ना कि बिगाड़ने के लिए ।

जनपद पंचायत की सभापति अश्वनी टोडर ने भी जनपद सीईओ की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि – जनपद सीईओ पुरे जनपद बॉडी की अनदेखी करते हुए अपने मन से काम कर रहे हैं । जनपद के किसी भी काम और फैसले के लिए ना तो अध्यक्ष से पूछा जाता है और ना ही सभापतियों की राय ली जाती है । युवा महोत्सव के समय भी इन्होंने एक तरफा काम किया किसी बात की जानकारी नहीं दी और अब सचिवों के स्थानान्तरण के लिए भी जनपद से अनुमोदन नहीं लिया गया । ऐसी सूची को हम मान्य ही नहीं करेंगे और कल होने वाले आपतकालीन बैठक में इस सूची को निरस्त कराने का प्रस्ताव लाया जाएगा ।

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