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पार्ट 04 कोटमी बना जनता कांग्रेस के उदय का गवाह ।

Sanjeev Shukla

अजीत जोगी एक जन नेता के पहले तीन अंक को पाठकों का अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हुआ । लोगों ने इस सीरिज को और आगे ले जाने का भी निवेदन किया । पहले ये सिर्फ दो सीरिज में प्रकाशित किया जा रहा था लेकिन फिर बढ़ाकर चार अंक किए गए । लिखते समय हमे लगा कि ये चार अंक भी बहुत कम है इनके बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है। पहले तीन अंकों में आपने प्रदेश के पूर्व सीएम अजीत जोगी के राजनीति में प्रवेश और कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बारे पढ़ा था आज इस सीरिज का अंतिम और चोैथा पार्ट प्रस्तुत है । अपनी प्रतिक्रयाएं अवश्य दीजिएगा ताकि आने वाले समय में प्रदेश के अन्य राजनेताओं के बारे में भी लिखने का प्रयास किया जा सके ।

कांग्रेस के हाथ से फिसला कांग्रेस का गढ़ कोटा विधानसभा ।

 

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 16.05.2020

 

छत्तीसगढ़

सन 2014 आते आते कांग्रेस से अजीत जोगी का मोह भंग होने लगा था । कांग्रेस में पहले भी गुटबाजी थी अब ये गुटबाजी और उभरने लगी । एक गुट में थे इस समय के सीएम भूपेश बघेल तो दुसरा गुट था अजीत जोगी का । धीरे धीरे वे कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रम और आयोजन से दूर होने लगे थे ।
2014 में अंतागढ़ उपचुनाव होना था । इस चुनाव में मंतुराम पंवार कांग्रेस की टीकट पर चुनाव लड़ने वाले थे अंतिम समय में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया । इस प्रकरण में अजीत जोगी , डा रमन सिंह ओैर उनके दामाद पुनित गुप्ता का नाम आया । मंतुराम पंवार ने भी नाम वापसी के लिए करोड़ो की डील की बात कही ।


इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई थी । अजीत जोगी को भी लगने लगा था कि अब कांग्रेस उनके लिए नहीं है । और कांग्रेस को भी यही लगने लगा था । ये कुछ ऐसे प्रकरण थे जिनमे अजीत जोगी का नाम सीधे सीधे लिया जाने लगा ।

2014 के बाद अजीत जोगी कांग्रेस से अलग होने लगे । सभी को लगा अब अजीत जोगी शायद कांग्रेस में ना रहें । और फिर आया 6 जून 2016 वे कांग्रेस से अलग हो गए । 23 जून 2016 को उन्होंने मरवाही के कोटमी में विशाल कार्यक्रम कर अपनी नई पार्टी जनता कांग्रेस की घोषणा कर दी ।


इस समय तक अजीत जोगी की धर्मपत्नि और कोटा विधायक डा रेणुजोगी कांग्रेस में ही थी लेकिन कोटमी की सभा में वे भी मंच पर थी ऐसे में विरोधी गुट इस बात को हवा देने लगा कि डा रेणु जोगी की संवेदनाए जनता कांग्रेस की तरफ ज्यादा है । जबकि मीडिया ने जितनी बार भी डा रेणु जोगी से इस बारे में पूछा उन्होंने कांग्रेस पार्टी को ही अपनी पार्टी माना और प्रतिबद्धता जाहिर की । लेकिन कहीं ना कहीं कांग्रेस में उनके लिए भी दरवाजे बंद होने लगे थे ।

2018 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस  सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करने में लगी थी लेकिन कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले कोटा विधानसभा की टिकट लटका के रखी गई । चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे थे कश्मकश दोनों तरफ थी । कांग्रेस जिस तरह से यहां टिकट रोक के रखी थी उसने सभी की सांसे फूला दी थी । कोटा विधानसभा में कांग्रेस काफी मजबूत थी और यहां जनता कांग्रेस का गठन नहीं हुआ था क्योंकि डा रेणु जोगी कांग्रेस में ही थी ।


लेकिन जब इंतजार की इंतहा हो गई और कांग्रेस से टिकट मिलने के आसार कम हो गए तो कोटा विधानसभा से जनता कांग्रेस ने डा रेणु जोगी का नाम आगे कर दिया । यानी कोटा विधानसभा में कांग्रेस दो फाड़ हो गई थी । आगेे जिनकी प्रतिबद्धता कांग्रेस के साथ थी वे कांग्रेस में रह गए और जिनकी प्रतिबद्धता जोगी परिवार और डा रेणु जोगी से थी वे उनके साथ चले गए ।


2018 में जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस के कई दिग्गजों ने जनता कांग्रेस से टिकट ले ली और मैदान में आ गए । इन नामों में थे लोरमी के विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष धरमजीत सिंह , बिल्हा से सियाराम कोैशिक , खैरागढ़ से देवव्रत सिंह , कोटा से डा रेणु जोगी , अकलतरा सीट से अजीत जोगी की बहु ऋचा जोगी ने भी परचा भर दिया । अजीत जोगी खुद मरवाही से चुनाव लड़े । लोगों को लगा कि अजीत जोगी की पार्टी इस चुनाव में बहुत बड़ा उलटफेर करेगी और प्रदेश में सत्ता बिना जनता कांग्रेस के नहीं बन पाएगी । शायद यही अंदाजा राजनीति के धुरंधर अजीत जोगी को भी रहा हो । विधान सभा चुनाव के बाद जो नतीजे आए उसने जनता कांग्रेस क्या पंद्रह साल तक सत्ता में रही भाजपा के भी होश उड़ा दिए । कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बना ले गई । लेकिन कांग्रेस के हाथ से कांग्रेस का गढ़ कोटा निकल गया ।


जनता कांग्रेस ने मरवाही , कोटा ,लोरमी और खैरागढ़ जैसी सीटों पर कब्जा कर लिया । लेकिन ये आंकड़े खुश करने वाले तो कतई नहीं कहे जा सकते उस व्यक्ति के लिए जो राजनीति का धुरंधर रहा हो । लेकिन राजनीति यही तो है जो दिखती है वो होती नहीं और जो होती है वो दिखती नहीं ।


अजीत जोगी इस समय अस्पताल में है । प्रदेश भर में उनके चाहने वालों की कमी नहीं है । सभी भगवान से दुआ कर रहे हैं कि जल्द ही उनके ठीक होने की खबर डाक्टर दें और अजीत जोगी फिर से मुस्कुराते हुए अस्पताल से बाहर निकले और अपने प्रशंसकों से मिले ।

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