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ये हाल है क्वारंटाईन सेंटर का ना प्रभारी का पता ना खाने का ।

दिन भर से भूखे प्यासे है दो लोग ।

जब यही करना है तो इतना ढकोसला क्यों ?

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 09.05.2020

करगीरोड कोटा – कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में दो नाम बहुत सुनने में आए होम आईसोलेशन और क्वारंटाईन सेंटर । प्रशासन के लोगों ने क्वारंटाईन सेंटर को लेकर ऐसा मायाजाल फैलाया है कि लोगों को लगता है कि क्वारंटाईन सेंटर में जाने से या रहने से कोरोना दूर हो जाएगा और सब तकलीफ दूर हो जाएगी । शायद होती भी हो लेकिन कोटा के क्वांरटाईन सेंटर का हाल बेहाल है यहां ना तो खाने की व्यवस्था है ना हाथ धोने की और ना ही सेनेटाईजर की यहां तक कि यहां के प्रभारी भी गायब है ।


प्राप्त जानकारी के अनुसार कल कोटा के दो लोग घनश्याम गंधर्व और श्याममनोहर हैदराबाद से वापस आए आने के बाद वे अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अस्पताल पहुंचे वहां डाक्टर ने अपनी फारमेलिटि पुरी की और उन्हें कहा कि वे घर चले जाएं घर में ही रहें । दोनों युवकों ने हास्पीटल में पूछा कि क्या उन्हें थाना जाना होगा तो हास्पीटल से जवाब मिला कि थाना जाने की जरूरत नहीं है सर्दी खांसी तो है नहीं घर चले जाओ ।


इसके बाद दोनो युवक अपने घर चले गए ये कल यानी आठ तारीख की घटना है । आज सुबह आस पास के लोगों को जानकारी हुई तो उन्होंने फिर से हास्पीटल ओैर उपर तक जानकारी दे दी इसके बाद फिर हास्पीटल और नगर पंचायत के कर्मचारी आए और उन्हें कोटा के एक क्वारंटाईन सेंटर जो कि कोटा कालेज के सामने स्थिति हाॅस्टल है वहां ले गए ।


सुबह से दोनो युवक भूखे प्यासे यहीं है । यहां ना तो कर्मचारी का पता है ना जिसकी डयूटी इस सेंटर मे लगाई गई है उसका पता है । दोनों युवक सुबह से यहां भूखे प्यासे पड़े हैं I  इनका कहना है कि उन्होंने नगर पंचायत और हास्टल प्रभारी से भी बात की लेकिन यहां कोई नहीं आया हम सुबह से भूखे प्यासे हैं ना साबून दिया गया है और ना ही दुसरी चिज है ।यहीं हाल रहा तो कोरोना तो बाद में इन्हें मारेगा प्रशासनिक उदासिनता से ये पहले मर जाएंगे ।

कोटा विकासखंड में 103 क्वांरटाईन सेंटर बनाने की जद्दोजहद चल रही है लेकिन जब कोटा के अंदर क्वांरंटाईन सेंटर का ये हाल है तो फिर सुदुर गांव अंदर क्या हाल होगा । यदि क्वांरटाईन सेंटर में व्यवस्था नहीं हो पाती तो फिर इतने ढकोसले की क्या जरूरत है ।

हमने इस संबंध में कोटा एसडीएम आनंदरूप तिवारी से बात करनी चाही तो उनसे सम्पर्क नही ंहो पाया । लेकिन यदि यही हाल क्वारंटाईन सेंटर का रहा तो फिर कोैन यहां चोैदह दिन रह पाएगा ।

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