कुछ ही देर में लगेगा सूर्य ग्रहण 10.14 से शुरू होगा ।
1933 के बाद पहली बार लग रहा है वलयकार सूर्य ग्रहण ।
इसके बाद लगेगा 2034 में ।
दबंग न्यूज लाईव
रविवार 21.06.2020
रायपुर – 21 जून की सुबह सूर्य ग्रहण लगेगा। इसका सूतक आज रात 10 बजे से लग जाएगा। सूतक काल के आरंभ के साथ ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण का समय रविवार सुबह से शुरू होकर दोपहर तक चलेगा। इस ग्रहण को भारत सहित दुनिया के कई देशों में देखा जाएगा। यह वलयाकार होकर दुर्लभ प्रकार का ग्रहण बताया जा रहा है। इस वर्ष दो सूर्य ग्रहण होंगे। यह पहला है। इसके बाद अगला ग्रहण दिसंबर में लगेगा। आइये जानते हैं कल लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के किन शहरों में, कितनी बजे और कितनी देर तक नजर आएगा और इसकी क्या खासियत है। इससे जुड़ी सारी जानकारियां यहां पढ़ें।
सूर्य ग्रहण का सूतक, स्पर्श एवं मोक्ष का समय
सूतककाल 12 घंटे पूर्व शनिवार रात 10ः14 बजे शुरू हो जाएगा। ग्रहण 21 जून रविवार को सुबह 10ः14 बजे से शुरू होगा। मध्यम 12ः14 बजे पर व मोक्ष दोपहर में 1ः38 पर होगा। दोपहर 2 बजे तक मंदिरों के पट बंद रहेंगे। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 25 मिनट की रहेगी। यह अधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा। इसके बाद मौजूदा वर्ष के अंत में एक और सूर्य ग्रहण होगा।
जानिये इस सूर्य ग्रहण की विशेषताएं
आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या रविवार 21 जून रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ेगा। पंडितों व ज्योतिषियों के मुताबिक यह खंडग्रास व साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, जोकि कंकणाकृति खंड ग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा एवं आद्रा नक्षत्र में रहेगा। सूर्य ग्रहण का ज्यादा असर मिथुन राशि के जातकों पर पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य विनोद रावत ने बताया कि इस बार सूर्य ग्रहण मृगशिरा व आद्रा नक्षत्र और मिथुन राशि पर पड़ रहा है। इस कारण मिथुन राशि वालों को यह ग्रहण विशेष कष्टदायक होगा। वहीं शासन-प्रशासन पर यह ग्रहण शुभ नहीं है, क्योंकि सूर्य प्रशासन का प्रतिनिधि माना जाता है। जब-जब सूर्य एवं चंद्र ग्रहण पड़ते हैं तो उनका दीर्घकालीन प्रभाव विसर्ग राजनीति पर भी दिखता है। ग्रहण के समय 6 ग्रह बुध, शुक्र, गुरु, शनि, राहु, केतु वक्री रहेंगे। मिथुन राशि पर सूर्य बुध, राहु, चंद्र की युक्ति रहेगी जो कि अशुभ मानी जाती है।
1933 में लगा था इस तरह का वलयाकार सूर्य ग्रहण
जानकारों के मुताबिक इस तरह का वलयाकार सूर्य ग्रहण 21 अगस्त 1933 को लगा था। 21 जून के बाद यह 21 मई 2034 को लगेगा। ज्योतिर्विद् पं. आनंद शंकर व्यास के अनुसार इसके फल के रूप में कहीं-कहीं वर्षा, कहीं रोग-भय के अलावा अन्ना का लाभ भी बताया गया है। यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र, मिथुन राशि पर हो रहा है। सूर्य व राहु मृगशिरा नक्षत्र में रहेंगे। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल है। मंगल मीन राशि में शनि की दृष्टि में है।