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धान से धन का रोपा -धान खरीदी केन्द्र के प्रबंधक ने एक साल में ही करोड़ों का कर दिया घालमेल ।

एफआईआर दर्ज गिरफ्तारी बाकी ।

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 14.09.2025

कबीरधाम – प्रदेश में धान का खेल माईनिंग के खेल से कम नहीं है । धान खरीदी केन्द्र के प्रबंधक साल भर में यूं ही लखपति और करोड़पति नहीं हो जाते । प्रदेश में कई धान खरीदी केन्द्र के प्रबंधक राईस मिल के मालिक बन गए हैं । यदि प्रदेश के सभी धान खरीदी केन्द्रों की सहीं सहीं जांच हो जाए तो कई करोड़पति प्रबंधक सामने आ जाएंगे और शासन के कई लाख क्विंटल धान सोसायटी और कागजों से गायब पाया जाएगा । लेकिन सवाल उठता है कि ऐसी जांच और कार्यवाही करेगा कौन क्योंकि धान से बने धन पर तो शायद सभी का रोपा लगता होगा । लेकिन कभी कभी कुछ अच्छी कार्यवाही भी हो जाती है जिससे पूरा मामला लोगों के सामने आता है ।


ऐसी ही एक कार्यवाही हुई है कबीरधाम जिले के कुकदूर थाना क्षेत्र के कोदवागोडान धान खरीदी केन्द्र में । यहां के प्रबंधक रमाशंकर चंद्राकर पर मंडी से लगभग 6 हजार क्विंटल धान की अफरा तफरी के सबंध में एफआईआर दर्ज हुई है । धान की अनुमानित कीमत एक करोड़ उनचालिस लाख रूपए आंकी गई है ।


पूरा मामला है पंडरिया ब्लॉक के कोदवागोडान धान खरीदी केंद्र का जहां भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. कुकदूर थाना क्षेत्र स्थित कोदवागोड़ान धान उपार्जन केंद्र से करीब 6 हजार क्विंटल धान ग़ायब था. जिसकी अनुमानित बाजार कीमत करीब 1 करोड़ 39 लाख है.


प्रशासन की जांच के बाद तत्कालीन प्रभारी रमाशंकर चंद्राकर के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है. कलेक्टर के निर्देश पर कुकदूर थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. सूत्रों के मुताबिक, जब प्रशासन ने जिले भर के धान उपार्जन केंद्रों की जांच की, तब कोदवागोड़ान केंद्र में बड़ा घोटाला सामने आया. धान न तो गोदाम में मौजूद मिला और न ही उसका कोई पुख्ता दस्तावेज़ था

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब 2024-25 समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीदी गए धान के स्टॉक की जांच की गई. कई सोसायटियों में धान की कमी मिला लेकिन कोदवागोड़ान में सबसे बड़ा अंतर पाया गया. प्रशासन ने सोसायटी प्रबंधक को कई बार नोटिस देकर शॉर्टेज की भरपाई करने के निर्देश दिए, लेकिन प्रभारी ने कोई जवाब नहीं दिया. नोटिस की अनदेखी के बाद थ्प्त् का फैसला लिया गया.

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