गजब ड्रोन की अजब माया जिसे सिर्फ छोटे ट्रेक्टर दिखते हैं , बड़े पोकलेण्ड और अवैध उत्खनन नहीं ।

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 19.03.2025
करगीरोड कोटा – कोटा से गुजरने वाली अरपा जिले के साथ ही दिगर जिलों में भी रेत आपूर्ति कर रही है । यहां कई घाट हैं जहां से दिन रात रेत का उत्खनन हो रहा है । कई जगह पर्ची कट रही है कई जगह नहीं कटती , कई जगह तयशुदा राशि से ज्यादा की राशि ली जाती है और कई जगह तय सीमा क्षेत्र से भी अधिक में रेत खनन हो रहा है कई जगह शाम ढले रात के अंधेरे में भी रेत निकाली जाती है और कई जगह मैन्यूअल खदान होने के बाद भी जेसीबी और पोकलैण्ड अपना करतब दिखाते हैं ।
गाहे बगाहे रेत परिवहन करने वाले ट्रेक्टरों पर र्कायवाही कर दी जाती है । कोटा में पिछले दो तीन दिनों में इन अवैध रेत परिवहन कर रहे ट्रेक्टर और हाईवा पर बड़ी कार्यवाही हुई है और जानकारी मिली कि ड्रोन से निगरानी की गई ।खनिज विभाग कभी कभार ही खदान पर जाता होगा वर्ना उसका भी पूरा ध्यान रोड पर रेत परिवहन कर रहे वाहनों पर अधिक होता है ।
नई और एडवांस तकनीक का उपयोग अपराध रोकने में होना चाहिए ये अच्छी बात है लेकिन ये तकनीक यदि अवैध उत्खनन करने वाले और रायल्टी से ज्यादा राशि लेने वाले खदानों पर भी हो जाए तो ज्यादा प्रभावशाली होगा ।
रेत के इस अवैध करोबार ने अरपा का सीना छलनी कर दिया है दिन रात हो रही इस खुदाई का ही नतीजा है कि गरमी के पहले ही नदी सुखने लगती है आने वाले समय में हो सकता है इस नदी का असतित्व ही खतम हो जाए ।
अरपा बचाओ के नाम पर एक अभियान जरूर चल रहा है लेकिन जब तक उस अभियान में और लोग नहीं जुड़ेगे अभियान सिर्फ अभियान ही रह जाएगा । आवास और अन्य निर्माण कार्यो के लिए रेत भी जरूरी है लेकिन उतना ही जितना आवश्यक हो और उससे नदी के असतित्व पर बुरा प्रभाव ना पड़े I इंजिनियरों के रेत के पर्याय पर भी विचार करना चाहिए ।।