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फारेस्ट बीटगार्ड का जलवा बोलेरो में लाल बत्ती लगाकर कर रहा उगाही ।

बबूल लकड़ी की जप्ती के नाम पर हुई रात में अवैध वसूली ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 11.12.2025

बिलासपुर/कोटा – बिलासपुर वन मंडल का एक बीट गार्ड जो कोटा के सल्का क्षेत्र में पदस्थ है इन दिनों अपनी नीजी बोलेरो में लाल बत्ती लगा कर अवैध वसूली करने में लगा है । प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटा वन विभाग के सल्का बीट में पदस्थ बीट गार्ड 9 तारीख की   रात एक बोलेरो में नाका चौक के एक धर्मकांटे पर पहुंचता है और गांव के किसान द्वारा लाए गए बबूल की लकड़ियों को लेकर उस किसान को कार्यवाही के नाम पर धमकाने लगता है तथा पैसों की मांग करता है । गांव का किसान बोलेरो में लाल बत्ती देखकर डर जाता है । इस बीच उक्त बीट गार्ड बबूल लकड़ी से भरे ट्रेक्टर को धर्मकांटा से फारेस्ट आफिस की तरफ ले जाता है और बाद में सेटिंग करके उक्त ट्रेक्टर को छोड़ देता है ।


वन विभाग के इस कर्मचारी ने कल रात जो किया उसने वन विभाग पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं । क्या वन विभाग ने अपने बीट गार्ड को ये अनुमती देकर रखा है कि वो अपने नीजी वाहन में बत्ती लगा ले और रात में किसी के यहां भी बिना वर्दी के छापा मार दे ? क्या बबूल की लकड़ी काटना और बेचना भी अब जूर्म हो गया है ? या फिर अब विभाग ने बबूल की लकड़ी काटने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है ? और इन सबसे भी बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या रात के समय ऐसी हरकत करने से पहले इस कर्मचारी ने अपने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी ?

पीड़ित किसान श्याम बंजारे का कहना था कि – रात के समय मैं अपनी बबूल की लकड़ी को लेकर धरमकांटे पर गया था उसी समय लाल बत्ती लगी एक बोलेरो वहां पहुंची जिसमे छत्तीसगढ़ फारेस्ट लिखा था उसमें से एक व्यक्ति मेरे पास आया और पूछताछ करने लगा बाद में उसने कोरे कागज पर पंचनामा के नाम पर हम तीन लोगों के अंगूठे भी लगवा लिए और वन विभाग के कोटा रेंज के आफिस ले गए जहां हमारा मोबाईल और गाड़ी की चाबी ले लिए । बाद में पांच हजार रूपए लेकर हमें छोड़ा गया । फारेस्ट की गाड़ी में लालबत्ती हम लोगों ने भी पहली बार देखा था ।

इस संबंध में जब वन विभाग के रेंजर से बात की गई तो उनका कहना था – इसकी जानकारी प्राप्त हुई है और सीसीटीव्ही की रिकार्डिग भी देखी गई है जो शर्मनाक है । उक्त बीट गार्ड के उपर अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा ।

वन विभाग के एसडीओ अनिल भास्करन का कहना था कि – उक्त वाहन को वन विभाग ने किराए पर लिया हुआ है लेकिन उसमें इस तरह से बत्ती लगाकर घुमना क्राईम है । उच्च अधिकारियों को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी ।
बहरहाल इस मामले ने वन विभाग की भद्द पिटवा दी है । जब उक्त वाहन को विभाग ने किराए पर ले रखा है तो क्या उसके अधिकारियों ने कभी भी इस गाड़ी में लालबत्ती को नहीं देखा और देखा तो फिर क्या कार्यवाही की ? रात के समय किराए पर विभाग के लिए ली गई ये गाड़ी किसी काम से रात में शहर में घुम रही थी ? ऐसे कई सवाल हैं जो अब विभाग के सामने हैं देखना है विभाग इस पर क्या कार्यवाही करता है ।

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