कोटा जनपद का हाल बेहाल -आवास की राशि में धांधली ।
हितग्राही कोई और राशि किसी और के खाते में ।
- दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 07.10.2024
करगीरोड कोटा – प्रधानमंत्री आवास केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें गरीब परिवार के पक्के घर का सपना पूरा होता है लेकिन सरकारी तंत्र इतना भ्रष्ट ,निकम्मा और गैर जिम्मेदार है जिसके कारण कई हितग्राहीयों के आवास का सपना पूरा नहीं हो पाता ।
कोटा जनपद में ये भर्राशाही कुछ ज्यादा ही चरम पर है जहां एक हितग्राही का पैसा दूसरे हितग्राही के खाते में चले जाता है तो कभी रोजगार सहायक हितग्राही का पैसा अपने खाते में ट्रांसफर करा लेता है । यदि हितग्राही थोड़ा जागरूक हैं तो गड़बड़ी पकड़ में आ जाती है नही तो हितग्राही को मिलने वाली राशि का बंदरबांट रोजगार सहायक आपरेटर और आवास शाखा के लोग हजम कर जाते हैं ।
ऐसा ही एक मामला कोटा जनपद के बदनाम ग्राम पंचायत करगीखुर्द से सामने आया है जहां आवास के एक हितग्राही की राशि दुसरे व्यक्ति के बैंक खाते में डाल दी गई । हितग्राही के परिवार वाले ने जब इस पूरे मामले की तहकीकात की तो चौंकाने वाला मामला सामना आया । और इस मामले के बाद जिम्मेदारों का वही रवैया या तो कॉल नहीं उठाएंगे या भूलवश हो गया होगा बोलेंगे ।
करगीखुर्द ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के एक हितग्राही थे रामकुमार ठाकुर जिनके नाम पर ब्भ्3359102 पर आवास स्वीकृत हुआ था लेकिन अक्टूबर 2022 को उनकी मृत्यु हो गई । ऐसी स्थिति मे उनकी पत्नि जमुना बाई ठाकुर ने अपने दस्तावेज जमा करते हुए कहा कि उक्त आवास को उनके नाम पर ट्रांसफर करते हुए आवास की राशि को उनके खाते में जमा करवाया जाए ।
लेकिन पंचायत ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की । अलबत्ता हुआ ये कि स्व.रामकुमार ठाकुर के आवास के लिए आई राशि को गांव के ही एक अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया । ऐसा कैसे हुआ ? इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है ।
हितग्राही स्व राम कुमार ठाकुर के पुत्र मुकेश ठाकुर ने बताया कि – प्रधानमंत्री आवास मेरे पिताजी के नाम पर स्वीकृत हुआ था लेकिन उनकी मृत्यु होने के बाद हमने आवास और उसकी राशि को मां के नाम पर करने के लिए सभी दस्तावेज पंचायत में जमा करवाए थे लेकिन पंचायत ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया । बाद में पता चला कि आवास की राशि दुसरे व्यक्ति के खाते में चले गई है । रोजगार सहायक प्रदीप श्याम और जनपद के आवास शाखा देखने वाले यशवंत साहू से बात की गई तो उन्होंने भी गलती को माना और सुधार करने की बात कही लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं ।
जनपद में आवास शाखा देखने वाले यशवंत साहू से जब इस बारे में बात की गई तो उनका जवाब भी गजब का ही था मतलब इन साहब के पास अभी तक ऐसा कोई प्रकरण ही नहीं आया है जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हितग्राही और रोजगार सहायक के बीच में पूरी सेटिंग यही करवा रहे हैं ।
यशवंत साह का कहना था कि – ऐसा प्रकरण उनकी जानकारी में नहीं आया है यदि ऐसा है तो जल्दबाजी में हो गया होगा क्योंकि उस समय बारह तेरह आपरेटर एंट्री कर रहे थे ।
अब ऐसे कैसे आपरेटर हैं जनपद में पता नहीं कि किसी की भी राशि किसी के भी खाते में डाले पड़े हैं और मजे की बात ये कि जिम्मेदारों के पास इन सब सवालों का जवाब देने का टाईम ही नहीं है । वैसे करगीखुर्द का ये पहला मामला नहीं है इसके पहले भी यहां के रोजगार सहायक ने एक हितग्राही का पैसा अपने खाते में डलवा लिया था । लेकिन इतनी लापरवाही और शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होना कई सवाल खड़े करता है ।