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महिलाएं आत्मनिर्भर होकर जीवीकोपार्जन करने में हो रही हैं सक्षम 

मास्क, साबुन एवं सेनेटाईजर निर्माण के साथ ही चला रही हैं जागरूकता अभियान
धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी
दबंग न्यूज लाईव
बलरामपुर – कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क, सेनेटाईजर तथा साबुन जीवन की महत्वपूर्ण जरूरतों में शामिल हो गया है। मास्क, सेनेटाईजर तथा साबुन के प्रयोग से इस वायरस से बचाव संभव है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के बिहान की महिलाएं बड़ी मात्रा में मास्क, सेनेटाईजर तथा साबुन का निर्माण कर अपने उद्यमिता तथा कुशल प्रबंधन का परिचय देते हुए संकट की इस घड़ी में महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं। समूह की महिलाएं “मेरा स्वास्थ्य, मेरी जिम्मेदारी” के मन्त्र के साथ जनमानस को जागरूक भी कर रहीं हैं ताकि लोग हाथ धोने तथा मास्क धोने जैसे नियमों का पूर्णतः पालन करें। बिहान परियोजना के अन्तर्गत जिले के सभी ग्राम पंचायतों में महिलाओं के स्व सहायता समूह गठित हैं तथा समूहों के 8 हजार 600 सदस्य सक्रियता एवं सेवा भावना के साथ कोरोना के विरूद्ध इस लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान दे रही हैं। कोरोना से बचने के लिए क्या करें तथा क्या न करें, इस विषय पर महिलाओं ने व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया है। महिलाओं के अथक परिश्रम का परिणाम यह हुआ कि जहां एक ओर ग्रामीण अंचलों में कोरोना से बचाव, स्वास्थ्य की उचित देखभाल के प्रति लोगों में समझ विकसित हुई है, वहीं दूसरी ओर समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों के विक्रय से उन्हें अच्छी आय प्राप्त हो रही है। 
मास्क एवं साबुन निर्माण में 20 से 25 समूहों की 150 से अधिक महिलाएं कार्य कर रहीं हैं। महिलाएं 02 लेयर वाले कपड़े का मास्क तैयार कर रहीं हैं, जिसको धोने के पश्चात पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। सर्वप्रथम आकृति स्व सहायता समूह की महिलाओं को साबुन निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। तत्पश्चात् मास्टर ट्रेनरों द्वारा अन्य विकासखण्डों के महिला समूहों को प्रशिक्षित कर वहां भी साबुन निर्माण का कार्य प्रारंभ करवाया गया है। समूह की महिलाओं द्वारा अब तक 03 हजार 200 साबुन की टिकिया, 5 हजार 683 मास्क और सेनेटाईजर क्वॉरेंटीन सेंटरो में उपयोग करने हेतु विक्रय किया गया है। 
प्रशासन के सहयोग से महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों का क्वॉरेंटीन सेंटरों में उपयोग किया जा रहा है। कोविड-19 के इस वैश्विक महामारी के दौर में प्रशासन की यह पहल सराहनीय है। आकृति महिला समूह की सदस्य विमला दीदी बताती हैं कि प्रशिक्षण प्राप्ति के पश्चात् पिछले 09 महीने से हम साबुन निर्माण का कार्य कर रहे हैं। हमें सरस मेला रायपुर, तातापानी महोत्सव तथा मुख्यमंत्री के जिला प्रवास के दौरान बिहान मार्ट के माध्यम से साबुन विक्रय करने का मौका मिला था तथा वहां मिले साकारात्मक प्रतिक्रियाओं ने हमें प्रोत्साहित किया, जिससे हमें अपेक्षित सफलता मिल रही है। कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन, प्रोत्साहन एवं सहयोग से संभव हो पाया है, कि हम महिलाएं आत्मनिर्भर होकर अपना जीवीकोपार्जन करने में सक्षम हुई हैं।
 जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  हरीष एस. बताते हैं कि महिलाओं के परिश्रम और प्रतिबद्धता हमें प्रेरणा देती है कि हम आगे भी महिलाओं को आर्थिक रूप सक्षम बनाने की दिशा में अनवरत कार्य करते रहें। विषम परिस्थितियों में महिलाएं कोरोना वारियर्स के रूप में सामने आयी हैं। समूह की महिलाओं के प्रयास का परिणाम है कि ग्रामीण अंचलों तक कोरोना वायरस से बचाव के प्रति लोगों में जनचेतना बढ़ी है। लोग मास्क का प्रयोग करने के साथ ही समय-समय पर हाथ धोने जैसे कोरोना से बचाव के उपायों का पालन कर रहें हैं।

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