करगीखुर्द के बाद अब इस पंचायत के सरपंच और रोजगार सहायक से होगी लगभग पंद्रह लाख की रिकवरी ।
एसडीएम कार्यालय से निकला नोटिस तीस जुलाई को पेशी में हाजीर हो ।
दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 22.07.2024
कोटा – कोटा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत करगीखुर्द के सरपंच और तत्कालीन सचिव दुर्जन साहू को पंचायत की धनराशि के गलत उपयोग करने का दोषी पाए जाने के बाद 13 अगस्त तक का समय देते हुए नोटिस जारी किया गया है कि वे तय सीमा अवधि में उनके द्वारा किए गए आर्थिक अनियमितता के 24 लाख 75 हजार रूपए को जमा करें ।
इस बीच कोटा जनपद पंचायत के एक और ग्राम पंचायत मटसगरा के सरपंच और रोजगार सहायक को भी लगभग 14 लाख 91 हजार 932 रूपए 30 जुलाई 2024 तक जमा करने का नोटिस जारी किया गया है ।
कोटा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालय से ग्राम पंचायत मटसगरा के सरपंच संतराम रात्रे और रोजगार सहायक कृष्ण कुमार बंसल के नाम से जारी आदेश में कहा गया है कि उपसंचालक पंचायत बिलासपुर द्वारा उक्त वित्तीय अनियमितता की राशि 14लाख 91 हजार 932 रू. सरपंच तथा रोजगार सहायक से बराबर बराबर वसूल करने की कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया है ।
नोटिस में आगे ये भी लिखा गया है कि सरपंच तथा रोजगार सहायक दोनों इस राशि का बराबर बराबर 7 लाख 45 हजार 966 रू. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोटा में जमा करते हुए तीस जुलाई की पेशी में प्रस्तुत करें अन्यथा उनके खिलाफ छ.ग. पंचायत अधिनियम 1993 की धारा 92 की उपधारा 2 के तहत शासकीय धन राशि की वसूली भू राजस्व की बकाया के तौर पर करने की कार्यवाही किया जाएगा ।
मटसगरा के कुछ लोगों का कहना है कि मटसगरा के चौदहवें वित की राशि में सरपंच और तत्कालीन सचिव ने जमकर भ्रष्टाचार किया है इसकी भी जांच होनी चाहिए ।
बहरहाल देखना होगा कि पंचायतों से इतनी बड़ी बड़ी रकम सरपंच और रोजगार सहायक से कैसे वसूल की जाएगी ? एक सवाल ये भी उठता है कि क्या सारी राशि अकेले सरपंच और रोजगार सहायक या सचिव मिलकर निपटा लेते हैं या और लोग भी इस बंदरबाट में शामिल होते हैं ? जब जनपद के किसी भी निर्माण कार्य की राशि बिना इंजिनियर के सत्यापन या मूल्यांकन के नहीं निकलती तो फिर यहां कैसे निकल गई ? क्या इंजिनियर , और मनरेगा पीओ को काम के दौरान ये सब नहीं दिखता ? पंचायतों में आडिट करने वाले आडिटर क्या करते हैं ? यदि इन सबके होते हुए भी अनियमितता होती है तो फिर इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाए और इस राशि में से कुछ हिस्सा इन्हें भी पटाने के लिए कहा जाए ।