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प्रदेश में पिछले एक हफते का विश्लेषण – क्या एनएचएम कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर हुआ है ?

एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से कोरोना टेस्ट में आई  कमी ।

एनएचएम कर्मचारियों पर सरकार की लगाम तो कर्मचारियों में सामुहिक इस्तीफे देने का दौर शुरू ।

 

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 22.09.2020

 

संजीव शुक्ला/सुमन पाण्डेय

रायपुर – प्रदेश में पिछले उन्नीस तारीख से स्वास्थ्य महकमें में सालों से अपनी सेवा दे रहे लगभग तेरह हजार एनएचएम के संविदा कर्मीयों के हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाई जरूर है । सरकार और उसके अधिकारी भले कहे कि उनके जाने के बाद ज्यादा असर सेवाओं में नहीं पड़ा है और वे फिल्ड के अपने कर्मचारियों को बुलाकर स्थिति को व्यवस्थित करने में लगे हैं । लेकिन सरकार के ही पिछले एक हफ्ते के आंकडों का अध्ययन कर लिया जाए तो प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कैसी है पता चल जाएगा ।


हमने एनएचएम कर्मीयों के हड़ताल पर जाने के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद के आंकड़ों का अध्ययन किया । ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना के संदर्भ में जारी रिपोर्ट के आधार पर है । इन आंकड़ों के अध्ययन के बाद ये समझ आया कि एनएचएम के संविदा कर्मीयों के हड़ताल पर जाने के बाद प्रदेश में कोरोना टेस्ट के आंकड़ों में लगभग साठ से पैसठ फिसदी की कमी आई है जो कि चिंताजनक हैं ।


प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मी उन्नीस सितम्बर से हड़ताल पर है उसके पहले हमने 15सितम्बर से लेकर 21 सितम्बर तक के आंकड़ों का अध्ययन किया । इसके अनुसार 15 तारीख को 21029 टेस्ट हुए जिसमें 3450 पाजिटिव केस सामने आए उसी प्रकार 16 तारीख को 19589 टेस्ट में 3189 , 17 तारीख को 25921 टेस्ट हुए जिसमें 3809 और 18 सितम्बर को 32186 टेस्ट हुए जिसमें 3842 पाजिटिव केस निकले ।


लेकिन 19 तारीख को एनएचएम कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद के कोरोना टेस्ट के आंकड़े चिंताजनक हैं । सरकार द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार 19 तारीख को. सिर्फ 13685 टेस्ट हुए जिसमें 2617 , 20 तारीख को 12602 टेस्ट जिसमें 1949 और 21 तारीख को टेस्ट का आंकड़ा मात्र 11924 ही रहा जिसमें 1998 पाजिटिव केस सामने आए । याने 19 तारीख के बाद टेस्ट होने की दर में कमी आई है ।


प्रदेश की राजधानी रायपुर के लिए बुरी खबर ये है कि यहां संक्रमण सबसे तेज गति से फैल रहा है । इस शहर को आर सेवन की केटेगरी में रखा गया है जिसका मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति सात व्यक्तियों को संक्रमित कर रहा है और ये विश्व में सबसे तेज संक्रमण की गति है ।
सरकार को इन आंकड़ों की तरफ ध्यान देना चाहिए और जल्द ही एनएचएम कर्मीयों के बारे में ठोस निर्णय लेना चाहिए जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाया जा सके । इस बीच एनएचएम कर्मीयों मे ंसामुहिक इस्तीफे देने का दौर शुरू हो गया है जिसमें आज बलौदा जिले में लगभग 169 संविदा कर्मीयों ने अपने सामुहिक इस्तीफे सरकार को सौंप दिए है ।

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