शासन ने जारी किया आदेश । कई शर्तो के साथ खुलेंगे आंगनबाड़ी केन्द्र ।
एनएफएचएस 4 के अनुसार अभी भी 37 प्रतिशत कुपोषण ।
दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 03.09.2020
रायपुर – आने वाले सात सितम्बर से प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्र खुलने के आदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं । आदेश के मुताबिक सात तारीख से आंगनबाड़ी मे दो सेवाओं को चालू किया जाएगा जिसमें दोपहर का गरम भोजन तथा स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस की सेवाएं दी जाएंगी । आदेश में इस बात का उल्लेख है कि आंगनबाड़ी केन्द्र में गर्भवती महिलाएं और तीन से छह साल के बच्चे जो गरम भोजन के पात्र हितग्राही है वही आएंगे ।
आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने के लिए केन्द्र सरकार के 29.08.2020 को जारी इस आदेश का सहारा लिया गया है जिसमें उन्होंने कोचिंग सेंटर , स्कूल और कालेजों को 30 सितम्बर तक बंद रखने का आदेश दिया है । इस आदेश में आंगनबाड़ी से संबंधित कोई उल्लेख नहीं है ।
प्रदेश सरकार के इस आदेश में यह भी कहा गया है कि कोविड 19 के दौर में केन्द्र के बंद रहने से कुपोषण से लड़ने में दिक्कत आ रही है तथा यूनिसेफ और डब्लूएचओ का मानना है कि इस दौर में कुपोषण में बढ़ोत्तरी हो सकती है ।
केन्द्र खोलने के पहले आंगनबाड़ी केन्द्र को सेनेटाईज करना होगा । हितग्राहियों के आने के पहले साबून से हाथ धुलवाना होगा । 15 से ज्यादा हितग्राही एक साथ केन्द्र में नहीं होंगे और अलग अलग समूहों में उन्हें बुलाया जाएगा ।
याने इस आदेश का पुरा जमा खर्च ये है कि आने वाली सात तारीख से आंगनबाड़ी केन्द्र खुल जाएंगे । और महिलाओं के साथ ही छोटे बच्चों को गरम भोजन प्रदाय किया जाएगा । लेकिन एक सवाल ये भी उठ रहा है कि केन्द्र खोलने में इतनी हड़बड़ी सरकार क्यों कर रही है वो भी तीन से छह साल के छोटे बच्चों को केन्द्र को बुलाकर ।
विभाग को अब एक सर्वे ये भी करवा लेना चाहिए कि आंगनबाड़ी के बंद होने से प्रदेश में कितना कुपोषण बढ़ गया है ? और उसके पहले कितना कुपोषण था ? ये भी डेटा कलेक्ट करें कि केन्द्र में गरम भोजन देने के पहले कितना कुपोषण था और गरम भोजन देने के बाद कुपोषण कितना कम हुआ ?
सितम्बर माह को विभाग पोषण माह के रूप में मना रहा है इसलिए जरूरी भी है कि आंगनबाड़ी केन्द्र खुलें । छोटे बच्चों के केन्द्र खोलने से अब ये लगने लगा है कि आने वाले समय में जल्द ही बड़े बच्चों के भी स्कूल कालेज खुल सकते हैं ।