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रात के अंधेरे में तीन बेरियर पार करके एक गाड़ी पहुंच गई एटीआर के कोर में ।

एटीआर के अधिकारियों की लापरवाही जानकारी होने के बाद भी हल्के में लिया मामले को ।

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 13.12.2024

बिलासपुर – प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण टाइगर रिजर्व अचानकमार की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है ये इस बात से समझ सकते हैं कि कल रात को एक कार जिसमें दो युवक सवार थे वो एटीआर के एक दो नहीं पूरे तीन बेरियर को पार करते हुए छपरवा तक पहुंच गई इस दौरान शिवतराई बेरियर के कर्मचारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को भी इस मामले की जानकारी दी लेकिन अधिकारियों ने रात को ठंड में निकलने से परहेज करते हुए सुबह तक का इंतजार किया फिर आज दोपहर बाद कागजी कार्यवाही करते हुए कार और दोनों युवकों को शिवतराई लाया गया जहां देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया ।


प्राप्त जानकारी के अनुसार कल रात एक कार रात के अंधेरे में अचानकमार टाइगर रिजर्व के पहले बैरियर शिवतराई पहुंची तथा आगे जाने की बात की इस पर बैरियर में तैनात कर्मचारी ने उन्हें आगे जाने से मना किया । कार में सवार दोनों युवकों ने अपने आप को दुर्ग पुलिस का कर्मचारी बताया जिसके बाद एटीआर के कर्मचारी ने उसे अपने उच्च अधिकारियों से बात करने के लिए कहा ।

दोनों युवकों ने अधिकारियों से बात करने के बाद खुद ही बैरियर को खोला और आगे बढ़ गए इसके बाद उन्होंने एटीआर के बारीघाट के बैरियर को पार किया फिर अचानकमार के बैरियर को पार करते हुए छपरवा पहुंच गए । इस बीच बैरियर के कर्मचारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी । लेकिन अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया इतना जरूर हुआ कि कार से जब ये युवक छपरवा पहुचे तब उन्हें वहां रोक लिया गया और वे वापस अचानकमार के बैरियर के पास आकर रात भर रूके । आज दोपहर को अचनाकमार के अधिकारियों ने इस मामले में कार्यवाही करते हुए जांच पड़ताल की तथा कार सहित दोनों युवकों को शिवतराई ले आए ।

शिवतराई के प्रभार अजय शर्मा ने इस पूरे मामले में बताया कि – “रात को कर्मचारियों से सूचना प्राप्त हुई कि कार में सवार दो लोग जबरदस्ती बैरियर खोल कर अंदर चले गए हैं । रात में उन्हें अचाकमार बैरियर में रोक लिया गया था और आज कार्यवाही की गई है । दोनों युवक दुर्ग पुलिस के कर्मचारी हैं इसलिए दुर्ग एसपी को भी इस मामले की जानकारी दे दी गई । दोनांे युवकों पर अनाधिकृत प्रवेश के मामले में धारा 27 के तहत कार्यवाही की गई है ।”

इस संबंध में एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर गणेशन का कहना था कि – “दोनों चूंकि शासकीय सेवा में हैं और पुलिस विभाग से संबंधित है इसलिए मामले की जानकारी दुर्ग के एसपी को दे दी गई है और ये पता किया जा रहा है कि दोनों डयूटी में थे या नहीं । हम अपनी तरफ से जो भी उचित कार्यवाही है वो कर रहे हैं बाकी पूरे प्रकरण की जानकारी दुर्ग एसपी तक दे दी गई है ।”

सवाल ये उठता है कि एटीआर की सुरक्षा व्यवस्था में लगे अधिकारी कितने एक्टिव हैं क्योकि रात को जानकारी होने के बाद भी उन्होंनेे ये जानने की कोशिश नहीं की आखिर ये गाड़ी कौन सी है और जो दो लोग अंदर इस तरह से चले गए हैं वो कौन हैं ? शिवतराई में एटीआर की कई गाड़ियां रहती है सूचना के बाद क्यों अधिकारियों ने इस कार का पीछा नहीं किया ? यदि रात में एटीआर में कोई घटना घट जाती तो फिर जिम्मेदारी किसकी बनती ? इस पूरे मामले में शिवतराई के प्रभारी और एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर ने जिस ढंग से बात की उससे लगता है कि ये  बहुत सामान्य सी घटना है । यदि रात में ही इस गाड़ी के पीछे अधिकारी जाते तो बीस मिनट में इस गाड़ी को रोक सकते थे लेकिन अधिकारी तो अधिकारी ठहरे क्यों बेकार रात में अपनी नींद खराब करें । या हो सकता है कि उस रात कोई भी बड़ा अधिकारी अपने मुख्यालय में ना रहा हो क्योकि सभी आते जाते तो बिलासपुर से ही हैं ।  

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