नायाब तहसीलदार के साथ रात्री में दुर्व्यव्यवहार कहीं गले की फांस न बन जाए ।
पुलिस की एफआईआर से उठते कई सवाल जिनके जवाब पुलिस को देना है ।
बिलासपुर पुलिस की छवी पुलिस ही कर रही खराब ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 19.11.2024
बिलासपुर – बिलासपुर पुलिस की छवी को खुद पुलिस ही खराब करने में लगी हुई है । वरिष्ठ अधिकारी और विभाग पुलिस और जनता के बीच बेहतर संबंध के लिए कई आयोजन और कार्यक्रम चलाते रहते हैं । कार्यक्रम के दौरान लगता है कि पुलिस वाकई में अपनी छवी को सुधारने के लिए प्रयासरत है लेकिन अधिकतर ऐसे मौके सामने आ जाते हैं जब पुलिस की कार्यवाही और उनके व्यवहार से पुलिस की पुरानी छवी ही फिर से सुदृढ़ हो जाती है ।
एक ऐसा ही मामला बिलासपुर से सामने आया है जिसमें एक नायाब तहसीलदार ने सरकंडा पुलिस पर प्रतांडना के आरोप लगाए हैं और उच्च अधिकारियों से इस बारे में लिखित में शिकायत की है । जबकि सरकंडा पुलिस ने उक्त मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है । मजे की बात ये है कि एफआईआर में तहसीलदार का नाम कहीं भी नहीं है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर के करपावंड में नायाब तहसीलदार के पद पर पदस्थ बिलासपुर के पुष्पराज मिश्रा परसों रात को टेªन से बिलासपुर पहुंचे स्टेशन से वे अपने घर अशोक नगर जाने के लिए बाईक से निकले तो डीएलएस कॉलेज के पास डयुटी पर तैनात दो पुलिस वालों ने उन्हें रोका जब पुष्पराज मिश्रा ने ये बताया कि वे नायाब तहसीलदार हैं और बस्तर में पदस्थ हैं और अभी स्टेशन से घर जा रहे हैं । लेकिन पुलिस ने उनकी बात को अनसुना करते हुए पेट्रोलिंग वाहन को बुला लिया और उन्हें थाने ले आई तथा कई घंटे थाने में बिठा के रखा ।
पीड़ित नायाब तहसीलदार ने इस पुरे मामले में उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि वे 16 तारीख की रात रायपुर से हावड़ा सुपर फास्ट टेªन से बिलासपुर पहुंचे और अपने भाई और पिताजी के साथ स्टेशन से अपने घर जा रहे थे डीएलएस कॉलेज के पास दो आरक्षकों ने उन्हें रोका दोनो शराब के नशे में लगे रहे थे दोनों ने हमसे गाली गलौज शुरू कर दी मैने उन्हें बताया कि मैं बस्तर में नायाब तहसीलदार हूं जरा सभ्यता से बात करें लेकिन उन्होेंने पट्रोलिंग गाड़ी बुला ली और मुझे थाने ले आए । थाने में जबरदस्ती मेरे मुंह में एल्कोहल टेस्ट की मशीन डालकर चेक किया गया जिसमें कुछ भी नहीं निकला बाद में मुझे सिम्स मुलाहिजा के लिए ले जाया गया लेकिन मुझे बाहर ही खड़ा कर दिया गया और दोनों आरक्षक अंदर चले गए । इस बीच मेरे भाई और पिताजी भी थाने आ गए जहां मेरे भाई से पुलिस वालों ने थाने में गाली गलौज की और जान से मारने तथा झुठे केस में फंसाने की धमकी दी । पुलिस वालों ने मेरे भाई के मोबाईल से सरकारी दस्तावेज और वीडियो फोटो भी डिलिट कर दिए गए । रात को लगभग साढे चार बजे हमारा मोबाईल वापस करते हुए हमें घर जाने के लिए कहा । सरकंडा पुलिस के इस व्यवहार से हमारा परिवार काफी डरा हुआ है तथा हम काफी दुखी और आहत हैं ।
जबकि दुसरी तरफ सरकंडा पुलिस ने इस मामले में एक एफआईआर विनय कुमार मिश्रा और दो अज्ञात के उपर दर्ज की है । एफआईआर में लिखा है कि रात्री को डीएलएस कॉलेज के पास बाईक सवार युवकों को रोका गया और पूछताछ की गई युवक शराब के नशे में थे ऐसा प्रतित होता था इन लोगों ने पुलिस वालों के साथ बदतमीजी की जिसके बाद उन्हें थाने ले आया गया इनमें से एक युवक अपने आप को नायाब तहसीलदार बता रहा था लेकिन आईडी मांगने पर नहीं दे पाया । बाद में इनका भाई थाने पहुंचा और पुलिस वालों से गाली गलौज करने लगा कि मेरे भाई को कैसे थाने ले आए और शासकीय काम में बाधा डालने लगा ।
पुलिस की एफआईआर में कई अनसुलझे सवाल उठते हैं पहला यदि नायाब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा इन सबमें दोषी थे तो एफआईआर में इनका नाम क्यों नहीं है ? रात में जब मुलाहिजा के लिए सिम्स ले जाया गया तो डाक्टर से पुष्पराज मिश्रा को क्यों नही मिलाया गया ? जब एफआईआर दर्ज कर ली गई तो फिर इन्हें थाने से क्यों जाने दिया गया ? यदि नायाब तहसीलदार का भाई नशे में था तो उसका मुलाहिजा क्यों नहीं करवाया गया ? और सबसे बड़ा सवाल यदि मामला रात एक से चार बजे का था और नायाब तहसीलदार के परिवार ने थाने में इतना हंगामा किया तो फिर एफआईआर कितने देर बाद लिखी गई ?
बहरहार इन सबके बीच नायाब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने दोषी पुलिस वालों के उपर कार्यवाही की भी मांग की है । जिस पर जांच कमेटी बिठा दी गई है जिसे 72 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करनी है देखना होगा इस पुरे मामले में जांच के बाद क्या सामने आता है ।