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एक बाघ का रेस्क्यू ….I

नौ घंटे की मशक्कत के बाद किया गया रेस्क्यू ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 26.11.2024

Sanjeev Shukla

कसडोल/बलौदा बाजार – बाघ धरती के बेहतरीन और साहसी जीव जो निडर होते हैं और अपनी टैरटरी की रक्षा के लिए कुछ भी कर जाते हैं । इंसानों की प्रगति और विकास ने धरती के वन्य जीवों के रहवास पर संकट खड़ा कर दिया है । इंसान जंगलों में घर बनाने लगे हैं और मजबूरन यहां के जीवों को शहरों और गांव की तरफ आना पड़ता है । कई बार ऐसे जीव इंसानी क्रुरता के शिकार हो जाते हैं तो कई बार इन्हें रेस्क्यू करके पुनः जंगलों में छोड़ा जाता है तो कई किसी चिड़िया घर में कैद हो जाते हैं ।


ऐसे ही एडल्ट बाघ का रेस्क्यू आज हुआ । पिछले कई दिनों से ये दमदार बाघ बलौदाबाजार के लवन सहित सोनाखान रेंज में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा था । इसी बाघ को कुछ माह पूर्व बार नवापारा के क्षेत्र में भी देखा गया था । इसी बाघ की आहट सिद्धखोल सहित ग्राम करदा में भी होने से ग्रामीणों में भय का साया छा गया था।


26 नवबंर की सुबह से ही पूरे क्षेत्र में फिर से बाघ की दहाड़ गुंजने लगी कसडोल मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर सोनाखान रेंज के ग्राम कोर्ट के तालाब में बाघ के पहुंचने की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।


पिछले दो दिनों से बाघ की वजह से लवन और कसडोल क्षेत्र के लोग दहशत में जी रहे थे। सोमवार को बाघ लवन क्षेत्र के ग्राम मरदा, करदा, कोरदा और डोंगरा में देखा गया था। मंगलवार को वह कसडोल क्षेत्र के ग्राम कोट और गोरधा से होते हुए कसडोल पारस नगर पहुंच गया।

वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए 9 घंटे तक लगातार प्रयास किया। अंततः उनका प्रयास सफल रहा और बाघ को कसडोल के पारस नगर से पकड़ लिया गया। बाघ के पकड़े जाने की खबर से क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। लंबे समय से दहशत में जी रहे ग्रामीण अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

बाघ को पकड़ने में वन विभाग, जिला व पुलिस प्रशासन की टीम की सराहना की जा रही है। उनके इस ऑपरेशन ने क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा का अहसास कराया है। लेकिन अभी तक वन विभाग और सरकार की तरफ से कोई बयान जारी नहीं हुआ है कि इस पूर्ण व्यस्क बाघ को कहां छोड़ा जाएगा । वैसे छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े टाइगर रिजर्व अचानकमार में इसके रहवास की अच्छी व्यवस्था हो सकती है ।

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