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SAVE TIGER – टाईगर आखिर आदमखोर क्यों होता है ? बिहार में टाइगर का एनकांउटर ।

एनटीसीए और वाईल्ड लाईफ को इस दिशा में सोचना होगा ।

दबंग न्यूज लाईव
रायपुर 09.10.2022

Sanjeev Shukla

रायपुर – वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह के अंतिम दिन बिहार के बगहा से जो खबर आई उसने वन्य जीव प्रेमियों को निराश जरूर किया होगा । सुरक्षा सप्ताह के अंतिम दिन बिहार के बगहा में पिछले नौ माह में नौ लोगों की जान लेने वाले बाघ का एनकांउटर कर दिया गया और इस तरह टाइगर के साथ ही वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताहका भी अंत हो गया । जानकारी के मुताबिक इस टाइगर ने पिछले नौ माह में नौ लोगों की जान ले ली थी और पिछले 26 दिनों से निशानेबाजों की एक टीम इसकी तलाश कर रही थी । शनिवार को उसे गोवर्धन थाना क्षेत्र के बलुआ गांव के एक खेत में घेर लिया गया और फिर उस पर चार गोलियां चला दी गई और एक बेहतरीन और लुप्त होते वन्य प्राणी की मौत हो गई ।


बताया जा रहा है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के इस बाघ ने शनिवार को भी एक मां और बेटे की हत्या कर दी थी और पिछले तीन दिन में चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया था । वैसे भी टाइगर को किलर मशीन ही कहा जाता है इंसानों का शिकार इसके एक पंजे का काम है ।


नौ लोगों की जान ले चुके इस नरभक्षी बाघ को करीब 7 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शनिवार को बिहार पुलिस के शूटरों ने मार गिराया. बता दें, बगहा इलाके में आतंक का पर्याय बना चुका यह नरभक्षी बाघ अब तक किसी तरह से काबू में नहीं आ रहा था, जिसके बाद आखिरकार वन पर्यावरण विभाग ने बाघ को मारने का निर्देश दिया था.


वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के जंगल से निकलकर आस पास के गांवों में आम लोगों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर बाघ को आखिरकार मार गिराया गया. टाईगर के इस एनकांउटर से एक बार फिर ये बहस छिड़ सकती है कि आखिर टाइगर आदमखोर क्यों हो गया ? क्या टाइगर के इस व्यवहार के लिए इंसान ही जिम्मेदार नहीं है ? जिस तेजी से जंगल कट रहे है ऐसे में वन्य जीव जाएं कहां ? इंसान जंगलों पर कब्जा कर रहा है और खदानों के लिए जंगल उजाड़े जा रहे है । टाइगर के शिकार हिरणों का भी इंसान ने शिकार शुरू कर दिया है । आखिर जंगल का राजा कब तक शांत रहे ।


बिलासपुर जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व में भी कुछ माह पहले पुटु तोड़ने गए एक व्यक्ति पर बाघिन ने हमला कर दिया था । अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में भी दर्जनों गांव में बसाहट आज भी है ऐसे में कभी कोई हादसा हो जाए और कोई टाईगर बिफर जाए तो फिर गलती किसकी होगी ? सरकार के साथ ही वाईल्ड लाईफ , एनटीसीए और देश के सभी टाइगर रिजर्व को इस दिशा में सोचना होगा और जंगत तथा वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए पुख्ता और कड़े नियम बनाने होंगे । वर्ना भेड़ बकरियों के बीच ही वन्य सुरक्षा सप्ताह मनाते रहिए ।

sanjeev shukla

Sanjeev Shukla DABANG NEWS LIVE Editor in chief 7000322152
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