एक स्कूल पांच कमरे और यहां है 79 लोग ।
जनपद सदस्य ने कहा ना उच्च अधिकारी सुनते हैं ना पंचायत के सरपंच सचिव ।
दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 29.05.2020
करगीरोड कोटा – क्वांरटाईन सेंटरों से हर दिन बवाल और अव्यवस्था की खबरें सामने आने लगी है । छोटे छोटे स्कूलों में अव्यवस्था के बीच बनाए गए ये क्वारंटाईन सेंटर अब प्रशासन के गले की हड्डी बनते जा रहे हैं । इतने लोगों की व्यवस्था कर पाना पंचायत के लिए काफी मुश्किल हो रहा है वो भी उस समय जब उच्च अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था का जिम्मा पंचायतो पर छोड़ दिया है । विकासखंड स्तर का कोई भी अधिकारी इन क्वांरटाईन सेंटर का विजिट नहीं कर रहा है ना ही ये जानने की कोशिश हो रही है कि यहां लोग कैसे रह रहे हैं ।
पिपरतराई पंचायत के एक स्कूल में क्वारंटाईन सेंटर बनाया गया है जानकारी के अनुसार इस स्कूल में कमरे तो बहुत हैं लेकिन खोले सिर्फ पांच गए है और इन पांच कमरों में थोक के भाव 79 प्रवासी मजदूरों को रख दिया है जो देश के अलग अलग राज्य से यहां पहुंचे हैं ।
जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले पंचायतों के हाल बुरे हैं अधिकारियों की निरसता इन सेंटरों को लेकर देखी जा सकती है । कोटा जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पिपरतराई में भी कल प्रवासी मजदूरों ने पूरी सब्जी फेक दी उनका आरोप था कि सब्जी पकी नहीं है और कच्ची भिंडी ही उन्हें खाने के लिए दिए जा रहे हैं ऐसे में तो और तबीयत खराब होगी । मजदूरों के इस हंगामें का विडियो भी क्वारंटाईन सेंटर से ही सामने आया है और हमारे एक पाठक ने हमें ये भेजा है ।
विडियो देख कर आप भी बोलेंगे कि ये क्या बदइंतजामी है । एक छोटे से स्कूल में लोगो की भीड़ लगी हुई है और खाने का समय है । पंचायत ने जिसे खाना बनाने और खिलाने का जिम्मा दिया है वे लोग स्कूल के गेट पर नजर आ रहे हैं । भारी भीड़ में लोग उनसे अपने थाली में खाना ले रहे हैं और फिर थोड़ी देर बाद उन्हीं के सामने भिंडी की सब्जी फेंक रहे है कि ये तो पूरी कच्ची है ऐसे कैसे खाया जाएगा ।
शिकायत के बाद हमने इस पंचायत के सचिव दुर्जन साहू से बात की तो उन्होंने भी माना कि – कल थोड़ी लापरवाही हुई है सब्जी कच्ची थी उसे और पकना था । खाने की जिम्मेदारी मध्यान्ह भोजन वाले समूहों को दी गई है वही लोग खाना खिला रहे हैं । सचिव ने ये भी बताया कि इस सेंटर में पांच कमरे हैं और लगभग 79 लोग यहां रहते हैं । थोड़ी दिक्कत तो है लेकिन बाकी सब ठीक है ।
इस क्षेत्र की जनपद सदस्य अश्वनी टोडर का कहना था – यहां तो बहुत अव्यवस्था है मैं कई पंचायत के सरपंच और सचिव को बोल चुकी हूं कि व्यवस्था थोड़ी तो सुधारें लेकिन कोई ध्यान ही नहीं देता । उच्च अधिकारी तो बात ही नहीं सुनते हम तो बस बोल सकते हैं सचिव को तो फोन करते रहो फोन नही उठाते कई बार हो गया सचिव को बोलते व्यवस्था सुधारने लेकिन ध्यान हीं नही ंदिया गया । पिछले दिनों भी एक व्यक्ति की तबीयत कच्चा खाना खाने के कारण खराब हो गई थी ।
छोटे छोटे सेंटरों में अव्यवस्थाओं के बीच बनाए गए ये क्वारंटाईन सेंटर क्या वाकई में कोविड 19 से लड़ने उनके संक्रमण को रोकने में सार्थक होंगे ? लगता नहीं इससे अच्छा तो इन्हें इनके घर पर ही रख दिया जाता जहां ये खुद की व्यवस्था कर लेते और प्रशासन पंचायत की इतनी छिछालेदर तो नहीं होती । बहरहाल प्रवासी मजदूरों को जो यहां रह रहे हैं उन्हें भी अपने आप को थोड़ा ढालना होगा कि इतने लोगो की व्यवस्था पंचायत कैसे कर पाएगी । बाहर प्रदेश से चलकर अपने जमीन पर पहुंच गए हैं कुछ दिनों अपने घरों पर भी चले जाएंगे । अव्यवस्थाओं के बीच भी आप स्वस्थ रहें अपना ख्याल रखें ।