अलविदा – कालर वाली बाघिन हम नहीं बचा पाए तुमको ।
अचानकमार टाईगर रिजर्व के निष्क्रिय अधिकारियों की भेंट चढ़ गई बाघिन ।

दबंग न्यूूज लाईव
बुधवार 12.02.2025
Sanjeev Shukla
बिलासपुर – अचानकमार टाईगर रिजर्व से निकली कॉलर वाली बाघिन को अचानकमार टाईगर रिजर्व के निष्क्रिय अधिकारियों के चलते बांधवगढ़ और संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने रेस्क्यू कर के संजय दुबरी टाईगर रिजर्व में छोड़ा जहां आज उसका शव मिला आशंका है कि बाघिन को जहर देकर मारा गया है ।
कॉलर वाली बाघिन को दिसम्बर में चिरमिरी के क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया था और इसके बाद उसे कॉलर आईडी लगाकर अचानकमार टाईगर रिजर्व में छोड़ा गया था । लेकिन अचानकमार टाईगर रिजर्व के निष्क्रिय अधिकारियों ने बाघिन को जंगल में छोड़ते समय कोई भी सावधानी नहीं बरती और उसे ऐसे ही बोकरा कछार के पास छोड़ दिया गया जबकि इन्होंने करोड़ों रूपए खर्च करके बाहुड़ में एक बाड़े का निर्माण कराया गया है जहां रेस्क्यू करके लाए गए बाघ को छोड़ने की योजना है ।
एटीआर के अधिकारियों की नासमझी ने इस बाघिन को यहां रहने लायक माहौल ही नहीं दिया और ये बाघिन चार दिन में ही एटीआर की सीमा से निकल कर पूरे जनवरी जलेश्वर के पास विचरती रही ।
इस बाघिन को वापस लाने के लिए जो प्रयास छत्तीसगढ़ वन विभाग और अचानकमार टाईगर रिजर्व के अधिकारियों को करने थे वो इन्होंने किए ही नहीं । ऐसे में जालेश्वर के आबादी वाले क्षेत्र में ये बाघिन दिन दहाड़े बाजार और गांव के अंदर विचरण करते रही लेकिन यहां ना तो लोगों ने इसे नुकसान पहुंचाया और ना ही बाघिन ने ही किसी इंसान को नुकसान पहुंचाया ।
एटीआर के फिल्ड डायरेक्टर ने अपने चार कर्मचारियों की डयूटी एंटिना लेकर लगा दी जो सिर्फ ये देखते रहे कि बाघिन कहां है । ये कर्मचारी भी आधे दिन पेण्ड्रा में पड़े रहते थे ।
31 जनवरी को बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व और संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने जालेश्वर से इस बाघिन का रेस्क्यू किया ,चूंकि एटीआर में 21 जनवरी को एक बाघिन की संदेहास्पद मौत हो गई थी जिससे यहां के अधिकारियों के हाथ पैर फूले हुए थे ऐसे में इन्होंने अपनी कॉलर वाली बाघिन को वापस लाने में कोई रूची नहीं दिखाई इसलिए इसे संजय दुबरी टाईगर रिजर्व में ले जाया गया ।
मध्यप्रदेश के सिंगरौली वन क्षेत्र के माड़ा रेंज के रौंदी के जंगल में सोमवार देर रात इस बाघिन का शव मिला । जिसके बाद अधिकारियों ने इसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार बाघिन में किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं है ऐसी में संभावना जताई जा रही है कि किसी ने इसे जहर देकर मारा होगा ।
छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में अपनी धमक से लोकप्रिय हो चुकी ये बाघिन लोगों के दिलो दिमाग में छा गई थी लोग इसे देखने दिन हो या रात जालेश्वर पेण्ड्रा और कोटा की सड़कों पर घुमते रहते थे । इसने आबादी के पास रहते हुए भी किसी को कुछ नुकसान नहीं पहुंचाया था ऐसे में किसी इंसान ने इसके साथ ये हरकत कर डाली ।
लेकिन इन सबके बीच अचानकमार टाईगर रिजर्व के अधिकारियों की निष्क्रिय भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता यदि इन्होंने समय पर पहल की होती तो ये बाघिन आज जीवित होती और अचानकमार में रहती । लेकिन अचानकमार टाईगर रिजर्व के अधिकारियों को टाईगर से ज्यादा यहां निर्माण कार्य कराने की पड़ी रहती है ।