चुनावों में ऐसे महिला आरक्षण क्या मतलब ,जब महिला पंचों की जगह उनके पतियों ने ले ली शपथ ।
कवर्धा जिले के पंडरिया विकासखंड का अजीबो गरीब मामला ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 05.03.2025
पंडरिया -स्थानीय चुनावों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देकर उन्हें राजनैतिक और गांव के विकास में भागीदार बनाने की सरकार की पहल उस समय चौपट हो जाती है जब पंचायत में निर्वाचित होकर आई महिला पंचों की जगह उनके पति पद और गोपनियता की शपथ ले लेते हैं । ऐसे में ये सवाल खड़ा होता है कि ऐसे आरक्षण का क्या मतलब ?
मामला है पंडरिया विकासखंड के परसवारा ग्राम पंचायत का यहां रविवार को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया सभी नव निर्वाचित पंच और सरपंच ग्राम पंचायत भवन पहुंच गए । सचिव ने जब निर्वाचित पंचों और सरपंच को शपथ के लिए आमंत्रित किया तो छह महिला पंच की जगह उनके पति पहुंच गए और पद तथा गोपनियता की शपथ ले ली ।
जानकारी ये भी मिली है कि जब निर्वाचित महिला पंचों के पति शपथ ले रहे थे तब महिला पंच भी वहां मौजूद थी लेकिन उनकी जगह उनके पतियों ने शपथ ली और ये संदेश दे दिया कि पंच तो हम ही हैं हम ही पांच साल पंचायत आएंगे और उसकी बैठक में भाग लेंगे ।
ये सर्व विदित है कि महिला पंच ,सरपंच और यहां तक जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य में भी यदि कोई महिला जीत कर आती है तो लगभग नब्बे प्रतिशत महिला जनप्रतिनिधि का पूरा कार्यभार पांच साल तक उनके पति ही चलाते है और निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि सिर्फ स्टाम्प पेड बन कर रह जाती है । और ये भी उतना ही कड़वा सच है कि यदि महिलाओं को आरक्षण ना मिले तो राजनीति में उनकी सहभागिता शून्य ही होगी । बहरहाल इस पूरे मामले में पंचायत के सचिव का कहना था कि मिसटेक तो हो गया है ।