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एक शिविर में जब पांच सौ से ज्यादा समस्याएं आ जाएं तो समझे कार्यालय में क्या काम होता है ?

एक सौ दस समस्या के निराकरण मतलब सिर्फ बीस प्रतिशत समस्या का समाधान ।

समस्या निवारण शिविर में सिर्फ आयोजित होते हैं विभागीय कार्यक्रम ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 19.10.2024

बिलासपुर – कोटा विकासखंड के करगीकला में कल जिला स्तरीय समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया । लेकिन जिस तरह से समस्या निवारण शिविर को बना दिया गया है उसमें सिर्फ विभागीय योजनाओं की जानकारी देना और बच्चों का अन्नप्रासन और गोद भरवाई कार्यक्रम करवाना मुख्य आयोजन हो गया है नही तो समझा जा सकता है समस्या निवारण शिविर में ऐसे कार्यक्रम की क्या जरूरत । शिविर में सिर्फ समस्याओं और उनके निराकरण पर बात होनी चाहिए ।

करगीकला के शिविर में आए 532 आवेदन ये बताने के लिए काफी हैं कि यदि शिविर में इतने समस्याग्रस्त लोग आ रहे हैं तो फिर कार्यालय में क्या काम होता होगा ? किसी भी शिविर की उपयोगिता तब और बढ़ जाएगी जब हर शिविर के समय पिछले शिविर का विश्लेषण भी हो ? ये देखना भी जरूरी होना चाहिए कि क्या इस शिविर में आए आवेदन पहले की शिविर भी आ चुके हैं ? और यदि कोई अपनी समस्याओं के वहीं आवेदन बार बार जमा कर रहा हो तो उसकी समस्या का निराकरण क्यों नहीं हो रहा ? और ये भी देखना जरूरी होगा कि किस विभाग के समस्याओं के ज्यादा आवेदन आ रहे ?


करगीकला में आयोजित जन समस्या निवारण शिविर में कल 532 समस्याओं के आवेदन आए जिसमें सेे 110 आवेदनों का निराकरण शिविर में ही कर दिया गया । मतलब मात्र 20 प्रतिशत के लगभग समस्याओं का निराकरण हुआ बाकी समस्याओं का क्या होगा ?


शिविर में भाजपा के दिग्गज नेता और कोटा के छाया विधायक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने भी ग्रामीणों को संबोधित किया उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन जनसमस्या निवारण के जरिए ग्रामीणों तक पहुंचकर समस्याओं का निराकरण कर रहा है।


जनसमस्या निवारण शिविर में मत्सय पालन किट का वितरण किया लेकिन क्या यहां कई माह से कार्यालय के चक्कर लगा रहे चपोरा की महिला सहायत समूह की समस्या का निराकरण हुआ जिसने मछली पालन के लिए पंचायत में लीज की राशि भी जमा करवा दी और बैंक से लोन भी ले लिया लेकिन पंचायत ने बिना किसी कारण के उनका लीज निरस्त कर दिया ?

खैर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा स्व सहायता समूहों को लोन, आवास स्वीकृति पत्र का वितरण किया गया। कृषि विभाग द्वारा कृषि उपकरण, मत्स्य पालन विभाग द्वारा कीट, स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड, वॉकर, उद्यानिकी विभाग द्वारा हितग्राहियों को सब्जी कीट एवं राजस्व विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। शिविर में स्वास्थ्य विभाग के स्टॉल में टीबी, शुगर जांच, खून जांच एवं निःशुल्क दवाईयों का वितरण किया गया। आयुर्वेद विभाग के स्टॉल में दवाईयों का वितरण किया गया।

इसके साथ ही शिविर में सभी विभागों के अधिकारियों ने शासन की योजनाओं के बारे में विस्तार सेे जानकारी देते हुए उपस्थित हितग्राहियों को बताया कि वे कैसे योजनाओं का लाभ ले सकते है। इसमें स्वास्थ्य, पशु पालन, महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्य, कृषि, जलसंसाधन विभाग, पुलिस विभाग, समाज कल्याण विभाग, मत्स्य विभाग, श्रम विभाग, डाक विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी।

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