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युवाओं की आखिर सुनेगा कौन ? जेईई परीक्षा से वंचित एक युवा की पीड़ा अब कैसे होगी दूर ?

जेईई की परीक्षा इतनी ही जरूरी थी तो क्यों नहीं बनाए गए ऐसे नियम की आईसोलेट होकर भी दी जा सके परीक्षा ?

दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 04.09.2020

रायपुर – प्रदेश मे आज जेईई की परीक्षा होनी है । माना राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए केन्द्र से कई बार गुहार लगाई । लेकिन केन्द्र ने नहीं सुनी । अपने यहां ये चलन हो गया है कोई किसी की नहीं सुनता । आप चिल्लाते रहे , गिड़गिड़ाते रहें किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता । जब राज्य सरकार ने देखा कि परीक्षा स्थगित नहीं होगी तो उन्होंने परीक्षार्थीयों को सेंटर तक पहुंचाने के लिए बसो की सुविधा दी ।


कल बीजापुर जिले से एक बस 25 परीक्षार्थीयों को लेकर परीक्षा दिलाने रायपुर के लिए निकली लेकिन जगदलपुर के पास पता चला कि एक परीक्षार्थी कोरोना पाजिटिव है । ऐसे मे प्रशासन ने सभी को जगदलपुर के पास के एक गांव बोसली में रोक दिया । उसके बाद जो युवक कोरोना पाजिटिव आया था उसे वापस बीजापुर भेज दिया गया जबकि बाकी की जांच कर रायपुर भेजा गया ।


कोरोना पाजिटिव युवक को कहीं से दबंग न्यूज लाईव के संवाददाता श्याम अग्रवाल का नम्बर मिला जिसमें उसने अपनी पूरी बात बताई । दबंग न्यूज लाईव ने रात में ही बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल से बात कर युवक की समस्या बताई थी जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले को देखने और कुछ करने की बात कही। पीड़ित युवक ने अधिकारियों से भी निवेदन किया वो अपने खर्च पर अलग से रायपुर चले जाएगा उसे अलग से परीक्षा देने दिया जाए । मैं बहुत डिप्रेशन में आ गया हूं , साल भर की तैयारी मेरी बेकार चले जाएगी । लेकिन अधिकारियों ने उस युवक को वापिस बीजापुर भेज दिया ।

युवक ने यह भी जानकारी दी कि उसका टेस्ट 29 अगस्त को हुआ था । जिसकी रिपोर्ट कल रात को पता चली । मेरा टेस्ट हुआ था और शक था तो मुझे बीजापुर से बस में क्यो यहां तक ले आया गया ?

सवाल ये नहीं है कि एक युवा परीक्षा से वंचित रह गया ? सवाल ये भी नहीं है कि अधिकारियों ने उसे वापस जगदलपुर से बीजापुर भेज दिया ? सवाल ये है कि यदि जेईई की परीक्षा इतनी ही जरूरी थी तो उस युवा के लिए भी परीक्षा देना जरूरी रहा होगा ? सवाल ये है कि जब कोरोना का संक्रमण काल चल रहा है तो फिर अधिकारियों ने ऐसे युवाओं के लिए क्यों नहीं कुछ गाईड लाईन बनाई ? सवाल ये है कि 29 तारीख को टेस्ट किए गए सैम्पल की रिपोर्ट आने में इतनी देर क्यों लग ? यदि ये रिपोर्ट कल रात की जगह आज रात आती तो क्या होता ? क्यों अधिकारियों ने सरकार ने एक बार भी इस युवा की बात को नहीं सुना ? सवाल बहुत हैं और लगता है सभी सवाल का एक ही जवाब है कि यहां कोई किसी की नहीं सुनता ।

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