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ट्रेन की बिगड़ी हालत सुधारने आंदोलन और पेशी दर पेशी भटके शहर के युवा और गाड़ी को झंडी दिखाए—–।

सालों से बिगड़ी रेल की दशा सुधारने नगर के लोगों पर एफआईआर और केस आज तक चल रहे ।

दबंग न्यूज लाईव
08 अक्टूबर 2023

करगीरोड कोटा – दशकों से रेल यात्रा की निर्बाध सेवा लेते लोगों को रेलवे विभाग ने करोना काल से जो असुविधा प्रदान करना शुरू किया है वो करोना के खतम होने के बाद भी निरंतर चले आ रहा है । दर्जनों ट्रेन बंद ,कई स्टेशन बंद और जो ट्रेन चल रही हैं उनकी ना समय की गारंटी और ना ही रद्द होने की । कब कौन सी ट्रेन बीच रास्ते में रद्द हो जाएगी पता नहीं ।


भारत में रेल आवागमन का मुख्य और सुरक्षित साधनों में से एक है लेकिन इन दिनों रेल मंत्रालय के द्वारा जिस प्रकार से यात्री ट्रेनों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है वैसा पहले कभी नहीं हुआ । इन दिनों रेलवे के लिए यात्री ट्रेनों से ज्यादा मायने मालगाड़िया रखती है इसलिए तो यात्री ट्रेनों को प्लेटफार्म नसीब नहीं होते ।


बिलासपुर से कटनी रेल खंड पर स्थित करगीरोड स्टेशन भी दशकों पुराना है । यूं तो इस रेल खंड में कई पैसेंजर और एक्सप्रेस गाड़ी चला करती थी लेकिन कोरोना ने इस स्टेशन को काफी नुकसान पहुंचाया बाद में स्थिति सुधरी तो रेलवे के उदासीन और गैर जिम्मेदारी ने इस स्टेशन की रौनक और यहां के यात्रीयों को जो असुविधा प्रदान की वो दंश के समान यहां के लोगों को चुभने लगा ।


शांति प्रिय इस शहर के लोगों ने सालों ट्रेन सुविधा का इंतजार किया और रेलवे के अधिकारियों से लेकर विधायक सांसद तक अपनी बात पहुंचाई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलते देख नगर के लोगों ने नगर संघर्ष समिति के बैनर तले रेलवे के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया ।


देश और प्रदेश में रेलवे के खिलाफ ये कोई पहला आंदोलन नहीं था लेकिन इस आंदोलन की आड़ में रेलवे ने पहली बार शहर के आठ युवाओं पर ट्रेन को बाधित करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर कर दी और अब पिछले एक साल से ये पेशी दर पेशी रेलवे के कोर्ट में अपनी हाजरी दे रहे हैं ।


रेलवे ने आंदोलन को तेज होते देख पहले चरण में नर्मदा और रीवां को रोकना शुरू किया और जोर शोर से लोकार्पण करा डाला स्टेशन को ऐसे सजाया गया जैसे नई ट्रेन की सौगात करगीरोड को मिल रही है । इसके बाद भी कई ट्रेनों का स्टापेज यहां बंद ही रहा । नगर संघर्ष समिति ने ट्रेन नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाया पुरे शहर की एकजुटता और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आज से दो और ट्रेनों सारनाथ और चिरमिरी का करगीरोड स्टेशन पर स्टापेज शुरू होगा ।


लेकिन सबसे बड़ी विडंबना ये कि रेल सुविधा के लिए जायज मांग करते लोगों , आंदोलन करते और केस झेलते युवाओं के बीच अपनी पुरानी ट्रेनों को करगीरोड की पटरियों पर रूकते देखने के लिए कई माह के आंदोलन के बाद जब ये पुरानी ट्रेन रूकेगी तो झंडी फिर से नेता ही दिखाएंगे , गैर जिम्मेदार और उदासीन रेल प्रशासन रंग बिरंगे कार्ड छपवा रहा है और स्टेशन को सजा रहा है । रेल प्रशासन को और झंडी दिखाने आ रहे नेताओं से निवेदन है कि रेलवे की सुविधा स्थापित करने के लिए उनका धन्यवाद है लेकिन पेशी दर पेशी भटकते युवाओं के केस भी अब बंद कर दे और अपनी उदासिनता की सजा शहर के लोगों को ना दे ।

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