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लोगों की गतिविधि से लग रहा जैसे एक दिन के जनता कर्फयू के बाद सब ठीक हो गया ।

संभल जाओ खतरा अभी टला नहीं है ।

 

 

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 23.03.2020

संजीव शुक्ला

बिलासपुर – पूरे विश्व में कोरोना ने जो कहर बरपाया है उससे सभी स्तब्ध है । हर देश की सरकार के साथ ही वहां के नागरिक भी अपनी अपनी हर संभव कोशिश इस विपदा से निपटने और इसे रोकने के लिए कर रहे हैं । जिस प्रकार से विश्व लाॅक डाउन हो रहा उससे इतना तो समझ में आ रहा है कि लोग एक दूसरे के संपर्क मे आने से बचें साथ ही हर वो मुमकिन प्रयास करें जिससे वो अपने को सुरक्षित रख सकता है ।


बहरहाल हम अपने देश की बात करते हैं। भारत कोई छोटा सा देश नहीं है । करोड़ों की आबादी यहां है और ऐसी आबादी जो हर समय जश्न के मुड में रहती है । एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री की अपील के बाद लोगों ने रविवार को जनता कर्फयू को अदभूत समर्थन दिया और पंाच बजे तक घर में ही रहे लेकिन थाली पिटने के लिए जिस तरह से सड़कों पर उतर कर नाच गाना किया उसने दिन भर के संयम को तोड़ दिया , लगा जैसे सब ठीक हो गया। लोगों केेे समूह के रूप में सड़कों पर निकलकर थाली पिटने और जश्न मनाने से लगा जैसे करोना का डर समाप्त हो गया है और अब देश से कोरोना भाग गया है । दूसरे दिन से गतिविधियां आम दिनों के समान ही हो गई है ।

पूरा विश्व इस समय भारत की तरफ देख रहा है । शायद पूरे विश्व में यही एक ऐसा देश है जिसने अपने प्रधानमंत्री के आव्हान पर अभूतपूर्व एकता दिखाई है । लेकिन कुछ सच्चाईयों से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए । एक आंकड़े के हिसाब से देश में 18 मार्च तक सिर्फ बारह हजार लोगो का टेस्ट हुआ था जो कि 21 मार्च तक बढ़कर मात्र पंद्रह हजार हुआ । यानी करोड़ों की आबादी में से मात्र 15 हजार या आज 23 तारीख तक मान लिया जाए बीस या तीस हजार लोगों के टेस्ट जबकि साउथ कोरिया में 18 मार्च तक दो लाख सत्तर हजार और 21 मार्च तक तीन लाख लोगों के टेस्ट हुए । जानकारों का कहना है कि यदि देश में टेस्ट करने की गति तेज हो तो स्थिति और गंभीर हो सकती है फिलहाल देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या चार सोै के आसपास आ रही है ।

 


सेनेटाईजर की कमी को देखते हुए दो डिस्टलरी कंपनियों को सेनेटाईजर बनाने का काम सौंपा है उम्मीद है जल्द ही मार्केट में सेनेटाईजर की कमी दूर कर ली जाएगी । 


जिले के कोटा विकासखंड से बहुत से लोग रोजी रोटी कमाने देश के दूसरे प्रदेशों में जाते हैं जो अब वापस आ रहे हैं । इनकी जानकारी जुटाने का काम पंचायत ,कोटवार और मितानीनों पर आ गया है । ये इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर इनकी जांच कर रजिस्टर में आंकड़े बना रहा है ।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अपने पीएचसी और उपस्वास्थ्य केन्द्र को आईसोलेट वार्ड बनाने के लिए कह रहा , जनपद अपने पंचायतों से कह रही कि एक आईसोलेट रूम बना कर रखें । लेकिन ये आदेश उस समय हास्यास्पद लगता है जब विकासखंड के ना तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ये सुविधा है और ना ही जनपद में । याने जो अधिकारी वाटसएप पर चिंतित दिख रहे वो वाकई हकीकत में ऐसे नहीं है । जबकि होना ये चाहिए कि इस संकट की घड़ी में सभी अधिकारी अपने ब्लाक मुख्यालय में रहे और पल पल की गतिविधि पर नजर रखें ।

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