सेंट जेवियर्स स्कूल की मान्यता संबंधी जांच शुरू ,सरकंडा कोटा के बाद भरनी भी पहुंची जांच टीम ।
प्रबंधन का गजब जवाब कहा बाकी जगह टयूशन कराते हैं ।
दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 24.07.2024
बिलासपुर/कोटा – जिले के सबसे बड़े प्रायवेट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में से एक सेंट जेवियर्स की कई खामियां पिछले दिनों निकल कर सामने आई हैं । मीडिया के साथ ही एनएसयूआई ने भी इस स्कूल की मान्यता को लेकर कई सवाल उठाए थे । इस बीच सेंट जेवियर्स स्कूल कोटा के अकाउंटेंट जेहान के द्वारा कई पालकों से फीस के पैसे लेकर फरार होने की भी खबर सुर्खियों मेें रही । पालकों के स्कूल पहुंचने और मामले की जानकारी देने के बाद पहले तो प्रबंधन ने गोल मोल जवाब देते हुए मामले को सुलझाने की बात कही लेकिन अब इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहा है ।
इस बीच सेंट जेवियर्स के कोटा ,सरकंडा जैसे अन्य ब्रांचों की जहां आठवीें तक मान्यता है उसके बाद भी हाई स्कूल तक की कक्षा गलत और अवैध तरीके से चलाए जाने की शिकायत ने भी जोर पकड़ा है । आरोप है कि सेंट जेवियर्स के पास कोटा ,सरकंडा तथा अन्य ब्रांच में सिर्फ आठवीें तक की मान्यता है जबकि यहां हाई स्कूल तक की कक्षाएं अवैध तरीके से संचालित की जाती है ।
इस पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है जो इस मामले की जांच कर रही है । समझ ये नहीं आता जब कोई चीज छुपी हो तो जांच करवाई जाए यहां तो सब सामने हैं फिर कैसी जांच हो रही है । स्कूल की मान्यता कहां तक है ये डीईओ आफिस के पास होगा ही । अन्य ब्रांचों में कहां तक कक्षाएं संचालित है ये भी जानकारी सभी को है ऐसे में भी जांच जांच खेलना याने प्रबंधन को मौका देना है कि वो इस बीच अपनी लीपा पोती कर ले । सड़ी सी जांच करने के लिए कई माह लगा दिए जाएंगे ।
इस बीच ये भी जानकारी प्राप्त हुई है कि प्रबंधन ने अपने बचाव का रास्ता भी निकाल लिया है । प्रबंधन का कहना है कि हम अपने अन्य ब्रांच में नवमीं ,दसवीं के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं । गजब का जवाब है ।
प्रबंधन अपने निरंतर चलते स्कूल में , स्कूल टाईम में ही उच्च कक्षाओं के बच्चों को टयूशन पढ़ाते हैं , टयूशन पढ़ने के लिए भी बच्चों को निर्धारित दुकानों से ड्रेस ,जूते मोजे ,टाई और कोट खरीदने होते हैं । टयूशन भी बकायदा स्कूल टाईम में पढ़ाया जाता है । और टयूशन की भी फीस उतनी ही होती है जितनी कि इस स्कूल की फीस है । गजब शिक्षा व्यवस्था है ।
शिक्षा को व्यापार बनाकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जिससे बच्चों और पालकों के साथ अन्याय ना हो सके । वैसे अंदरखाने से ये भी पता चला है कि प्रबंधन कई पालकों से ये भी लिखवा रहा है कि उनके बच्चे टयूशन पढ़ते हैं इसकी जानकारी उन्हें है । गजब लिपापोती है भाई ।