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जिन अधिकारियों ने एक पेड़ मां के नाम लगवाया उन्होंने ही कार्यालय के सामने गार्डन को उजाड़ा ।

सीईओ नें गार्डन उजाड़ कर दिया गडढा , कई पेड़ कटवाए ।

काम्पलेक्स बनाने पेड़ काट कर दिया गया गडढा , विरोध के बाद काम बंद ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 22.08.2024

करगीरोड कोटा – कोटा विकासखंड के जिन अधिकारियों ने जोर दे दे कर हर एक गांव और पंचायत में एक पेड़ मां के नाम लगवाने की मुहीम छेड़ी थी उन्हीं अधिकारियों ने अपने कार्यालय के सामने लगे गार्डन को काम्पलेक्स बनाने के लिए पांच माह पहले खोद डाले । यहां लगे बड़े बड़े पेड़ों को काट दिया गया और पिल्हर बनाने के लिए गडढे कर के पूरे गार्डन को तहस नहस कर दिया । जानकारी ये भी मिली कि यहां कुछ सागौन के भी पेड़ थे जिन्हें काट कर रातों रात ठिकाने लगा दिया गया ।


ये पूरा कारनामा किया जनपद पंचायत के सीईओ युवराज सिन्हा के इशारे पर । जनपद पंचायत ने अपने कार्यालय के सामने मौजूद गार्डन में लगे पेड़ों कटवा दिया था कारण बताया कि यहां एक व्यवसायिक काम्पलेक्स बनाया जाएगा ।


इस बेकार के काम के लिए हरे भरे पेड़ों को काट कर गार्डन को उजाड़ने का विरोध नगर की जनता ने किया तो हड़बड़ा के अधिकारी ने काम को रोक दिया । लेकिन अब पांच माह बाद भी यहां खोदे गए गडढ़े वैसे ही पड़े हैं । अच्छा होता गांव गांव में पेड़ लगवाने वाले अधिकारी यहां भी फिर से पेड़ लगवा देते और गार्डन को फिर से व्यवस्थित कर देते ।

लोगों का कहना है कि उसमें अच्छे फूल पौधे लगवाए जाते तो यहां सुंदरता और भी बढ़ जाती अधिकारीयों को इसे संवारने की ओर ध्यान देना चाहिए ना कि उजाड़ने की तरफ ।

इस सबंध में कोटा एसडीएम ने कहा कि – गार्डन को जल्द ही व्यवस्थित किया जाएगा और अच्छे पेड़ पौधे लगवाए जाएंगे ।

जबकि जनपद पंचायत के सीईओ से जब इस बारे में बात की तो उनका जवाब सस्पेंश वाला था उन्होंने सीधे सीधे गार्डन के मुद्दे पर बात ना करते हुए बड़ा ही सस्पेंश वाला जवाब दिया उन्होंने कहा कि पंद्रह अक्टूबर तक आपको गुड न्यूज दिया जाएगा ।


अब इस जवाब का क्या मतलब निकाला जाए समझ से परे है । अधिकारी को सीधे सीधे गार्डन के बारे में जवाब देना चाहिए ना कि इस तरह से । खैर इस पूरे मामले में कोटा के वेंकट अग्रवाल और कुलवंत सिंह ने निंदा करते हुए कहा कि अधिकारियों को इस प्रकार का कार्य नहीं करना चाहिए । ये काफी पुराना गार्डन था और यहां कई अच्छे फूलों के पौधे लगे हुए थे ।


खैर देखना होगा कि सीईओ जनपद पंद्रह अक्टूबर तक क्या गुड न्यूज देते हैं और गार्डन को कब तक फिर से उसके पुराने स्वरूप में लाते हैं ।

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