जन्माष्टमी विशेष – प्रेम की भावना से सरोबार है ये कृष्ण मंदिर ।
राधा कृृष्ण के प्रेम को संजोया दादा के प्रेम में पोते ने ।
बिलासपुर जिले का अनोखा कृष्ण मंदिर जहां दिखती है प्रेम की झलक ।
दबंग न्यूज लाईव
रविवार 25.08.2024
बिलासपुर – कृष्ण एक नाम जिसने युगों से प्रेम का संदेश दिया भारत की भूमि और कण कण में राधा कृष्ण के प्रेम की कहानियां मौजूद हैं या ये कहा जाए कि प्रेम का पहला नाम ही राधाकृष्ण से जुड़ा हुआ है । एक ऐसे ही प्रेम के मंदिर का निर्माण एक पोते ने अपने दादा के प्रेम में कराया है जो स्थित है बिलासपुर जिले के चीचिरदा गांव में । इस मंदिर के निर्माण की भी दास्तान अनोखी है ।
चीचिरदा में एक प्रकाण्ड ब्राम्हण कथा वाचक थे पंडित श्री भूषण लाल दुबेजी । इन्होेंने अपने जीवन काल में लगभग दो हजार से भी ज्यादा श्रीमद भागवत कथा का वाचन किया और पीठ की शोभा बढ़ाई । पंडित श्री भूषण लाल दुबेजी कृष्णभक्ति से सरोबार थे साथ ही वे शिवभक्ति में भी डूबे रहते थे लेकिन उनकी इच्छा थी कि वे राधाकृष्ण का एक मंदिर अपने जीते जी अपने गांव में बनाएं ।
पंडित श्री भूषण लाल दुबेजी की मंदिर बनाने की इच्छा तो बहुत थी लेकिन समयाभाव में वे इसे मूर्त रूप नहीं दे पा रहे थे । ये बात वे हमेशा अपने पोते हीरामणी से कहते और हीरामणी भी अपने दादा की बात को बहुत ध्यान और गंभीरता से सुनते ।
लेकिन समय के चक्र से सब को गुजरना है ऐसे ही समय चक्र में आज से दस साल पहले पं. श्री भूषण लाल दुबेजी भी ब्रम्हलीन हो गए और उनकी ये इच्छा अधुरी रह गई । लेकिन उनके पोते हीरामणी दुबेे के ध्यान में अपने दादाजी की बात घुम रही थी । उन्होंने अपनी सारी उर्जा अपने दादाजी के स्वप्न को मूर्त रूप देने में लगाई और आज से चार साल पहले अपने यहां राधाकृष्ण का भव्य मंदिर का निर्माण कराया ।
हीरामणि दुबे ने अपने दादाजी की इच्छा श्री राधा कृष्ण का मंदिर बनाकर पूरा किया और भव्य रूप से यहां प्राण प्रतिष्ठा भी कराई गई जिस दिन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई उसी दिन रात में पोते के सपने में दादाजी आए और कहा बेटा तुमने बहुत ही अच्छा कार्य किया भगवान बांके बिहारी की सेवा तुम्हें ही करनी है ।
उस दिन के बाद से हर दिन राधा कृष्ण का श्रृंगार पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं उन्होंने बताया प्रति सोमवार नए वस्त्र के साथ श्रृंगार किया जाता है जिसमें लगभग 3 घंटे लगते हैं पर्व विशेष जन्माष्टमी को चार प्रहर श्रृंगार पूजा किया जाता है इस वर्ष भी जन्माष्टमी भव्य रूप से मनाने की तैयारी पूरी है जिसमें पूरे गांव एवं आसपास के लोग शामिल होते हैं राधा कृष्ण की मनोहर छवि देखते ही बनती है ।
जिले के छोटे से गांव में बना ये राधाकृष्ण का मंदिर जहां राधा कृष्ण के प्रेम की दास्तान कहता है वहीं दादा पोते के प्रेम को भी दिखाता है तो इस बार जन्माष्टमी में आप यहां जरूर दर्शन करने जाएं ।