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सरपंच बनने के एक माह पहले ही कार्य पूर्णता के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया सरपंच ने । इसे तो गिनिज बुक में स्थान मिलना चाहिए ।

पोरथा पंचायत में एक ही सीसी रोड को दो अलग अलग नामों से स्वीकृत करवाया गया ।

इस पूरे मामले में जनपद के इंजिनियर और एसडीओ की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए कि आखिर कैसे ये सब हुआ ?

दबंग न्यूज लाईव
सोमवार 30.11.2020

परसन कुमार राठौर

जांजगीर चाम्पा – एक ग्राम पंचायत में वर्तमान सरपंच ने सरपंच बनने के एक माह पहले ही सीसी रोड की कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए । आप पूछेंगे कि ये कैसे हो सकता जो सरपंच बना ही नहीं था वो कैसे किसी प्रमाण पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर सकता है । लेकिन अपने यहां वो सब हो सकता है जिसकी कल्पना शायद की ही ना जा सके ।


ये अजीबोगरीब मामला जांजगीर जिले के सक्ती विकासखंड के ग्राम पंचायत पोरथा का है । यहां के वर्तमान सरपंच ने सरपंच बनने से एक माह पहले ही पंचायत के सीसी निर्माण के कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र पर कर दिया है ।


मजे की बात ये है कि इस पंचायत ने एक ही सीसी रोड को दो अलग अलग नामों से स्वीकृत करवाया और बनाया एक ही यानी एक सीसी रोड का पैसा सीधे सीधे सरपंच और सचिव की जेब में । इस पूरे घालमेल की शिकायत जिला पंचायत सदस्य टिकेश्वर गभेल ने सक्ती सीईओ से की । मामला क्योंकि चोैंकाने वाला भ्रष्टाचार का था इसलिए जनपद पंचायत ने भी इस पर अपनी जांच तेज की । और पूरी टीम के साथ सीईओ खुद पोरथा पंचायत पहुंच गए ।

गांव के लोगों का कहना था कि सीसी रोड की कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र जो 24.01.2020 को जारी हुआ है और उसमें अभी के सरपंच ने दस्तखत किए हैं जबकि सरपंच का चुनाव ही 03.02.2020 को हुआ है । ऐसे में कोई जब सरपंच बना ही नहीं तो कैसे दस्तखत कर सकता है ।

आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के बाद ये अजीबो गरीब खुलासा हुआ है । मामले की जानकारी के बाद पंचायत पहुंचे सीईओ साहू ने कहा कि – जिला पंचायत सदस्य के द्वारा मामले की शिकायत की गई थी जिसके स्थल जांच के लिए यहां आया गया है ।

वहीं जिला पंचायत सदस्य टिकेश्वर गभेल का कहना था कि – पंचायत के द्वारा एक ही सीसी रोड को दो बार स्वीकृत करवाकर पैसों का गबन किया गया है जिसकी जांच होनी चाहिए ।

अब सवाल ये उठता है कि इतना बड़ा जब फर्जीवाड़ा हो रहा था तो जनपद के इंजिनियर और एसडीओ क्या कर रहे थे ? यदि पंचायत के सरपंच सचिव दोषी हैं तो इनसे ज्यादा दोषी तो यहां के इंजिनियर और एसडीओ हैं जिन्होंने पूरे रोड निर्माण के दौरान इस गंभीर मामले पर संज्ञान नहीं लिया । क्या इनकी भी मिली भगत इस दुसरी सीसी रोड की राशि के गबन में है ये भी जांच का विषय होना चाहिए ।

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