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अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगे क्षेत्र में युवा नर हाथी की करंट से मौत ।

वन मंडल ने जमीन मालिक को किया गिरफ्तार ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 02.11.2024

बिलासपुर – अचानकमार के जंगल को क्रमशः अभ्यारण्य फिर बायोस्फीयर और फिर टाइगर रिजर्व तो बना दिया गया लेकिन यहां के प्रबंधन ने वन्य जीव की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया नतीजा लगातार यहां के वन्य जीवों का शिकार की घटना सामने आते रहती है ।


एटीआर का प्रबंधन इतना  गैरजिम्मेदार है कि लगातार होते शिकार के बाद भी कोई ठोस योजना इन शिकार को रोकने के लिए नहीं बना पाया । अचानकमार के वन्य जीवो को अपनी सुरक्षा स्वयं करनी पड़ती है प्रबंधन का ध्यान सिर्फ सिविल वर्क और स्टाप डेम बनाने में रहता है ।


कल ही एटीआर का जंगल पर्यटकों के लिए खोला गया है और कल ही ये जानकारी सामने आई कि एटीआर से लगे एरिया में एक नर शावक की मौत करंट लगने से हो गई । प्राप्त जानकारी के अनुसार अचानकमार टाइगर रिजर्व के बार्डर पर स्थित टिंगीपुर गांव में आज एक युवा नर शावक हाथी मृत मिला है। अंदरूनी जानकारी के अनुसार हाथी की मौत करंट लगने से हुई बताया जा रहा है लेकिन मौत की अधिकारिक पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही होगी ।

एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर से जब इस बारे में जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि अधिकारिक जानकारी बिलासपुर वन मंडल के अधिकारी दे सकते हैं क्योंकि घटना बिलासपुर वन मंडल के क्षेत्र में हुई है ।

बिलासपुर वन मंडल के डीएफओ सत्यदेव शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि – हाथी की मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगी लेकिन प्रारंभिक जांच में ये पता चल रहा है कि हाथी की मौत करंट से हुई है । खेत के पास लगे कुछ लकड़ी के खूंटे और बिजली तार की जप्ती हुई है । इस मामले में खेत मालिक को भी गिरफतार कर लिया गया है और उसके घर से भी बिजली के तार की बरामदगी हुई है ।

खैर इस मौत के बाद भले ही कई कारण ओैर सामने आएं लेकिन इतना तय है कि जब तक वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं अपनाए जाएंगे ऐसी घटनाएं सामने आते रहेेंगी । वन विभाग के साथ ही एटीआर प्रबंधन को भी जंगल से लगे गांव के लोगों में जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए । गांव वालों को बताया जाना चाहिए कि यदि उनकी फसल का नुकसान वन्य जीवों से होगा तो उसका मुआवजा दिया जाएगा कम से कम आप उन्हें ना मारें । इसके साथ ही वन विभाग और एटीआर प्रबंधन अपनी सुरक्षा गश्त को भी ऐसे ईलाके में और चुस्त करे और अपने मुखबीर भी एक्टिव करे जिससे हादसे के पहले ही जानकारी विभाग को हो जाए ।

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