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प्रदेश में 1 मार्च से बनेंगे आयुष्मान कार्ड, ऐसे बनाएं ।

5 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है

चॉइस सेंटर में पूरी तरह निरूशुल्क बनेंगे

छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत पीएम जनआरोग्य डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का संचालन

 

दबंग न्यूज लाईव
रविवार 28.02.2021

 

रायपुर. प्रदेश में अब आयुष्मान कार्ड बनने जा रहे हैं। इस कार्ड को दिखाते ही राज्य के अनुबंधित सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में शत-प्रतिशत निरूशुल्क इलाज मिलेगा। 1 मार्च से 31 मार्च 2021 तक प्रदेश के चॉइस सेंटर में निरूशुल्क कार्ड बनाएं जाएंगे। 25 फरवरी को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना की राज्य नोडल एजेंसी ने इससे संबंधित गाइडलाइन सभी सीएमएचओ को जारी कर दी।

केंद्र सरकार के अभियान ‘आपके द्वार आयुष्मान’ अंतर्गत कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही सरकार ने राज्य में राशन कार्ड के जरिए निरूशुल्क इलाज की घोषणा कर दी थी। जो अभी भी जारी है। मगर, यह देखा गया कि कार्ड होने से लोग ज्यादा संतुष्ट होते हैं कि उन्हें जरुरत के वक्त सरकारी सहायता मिलेगी। पूर्व में स्मार्ट कार्ड की तर्ज पर ही ये कार्ड बनने जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 65,49,159 परिवारों को इस अभियान का लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए मुनादी करवाएं, होर्डिंग्स, बैनर-पोस्टर, वॉल पेंटिंग और शिविरों का आयोजन करें। गाइडलाइन में कोरोना प्रोटोकॉल के पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

50 हजार और 5 लाख तक की सहायता
केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत हितग्राही बीपीएल परिवारों के लिए 5 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है, जबकि राज्य सरकार द्वारा एपीएल परिवारों को अपने तहत 50 हजार रुपए की तक स्वास्थ्य सहायता दी जा रही है।

ऐसे बना सकते हैं कार्ड
1- व्यक्तिगत पहचान पत्र के लिए आधार कार्ड। पारिवारिक सदस्यता सत्यापन के लिए राशनकार्ड ले जाना होगा।’
2- प्रक्रिया पूरी होते ही पहले कागज वाला कार्ड मिलेगा, कुछ दिनों के संबंधित चॉइस सेंटर पर आपके कार्ड बन जाने की जानकारी भेजी जाएगी। वहां से बाद बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद प्लास्टिक कार्ड जारी होंगे’
(नोट- इस संबंध अधिक जानकारी के लिए मितानीन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सहायता ली जा सकती है।)

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