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शिक्षा विभाग में पदस्थ बाबू ने ट्रेन के नीचे आकर दी जान ।

कुछ माह पहले एसीबी की कार्यवाही हुई थी , जमानत पर आने के बाद था परेशान ।
परिवार वालों का आरोप अधिकारी करते थे प्रतांडित ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 15.08.2020

 

करगीरोड कोटा – कोटा शिक्षा विभाग में वर्ग तीन के कलर्क बेदुराम केैवर्त ने आज ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे दी । बेदूराम कैवर्त के आत्महत्या के बाद उसके परिवार वालों ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक प्रतांडना का आरोप लगाया है ।


दिसम्बर 209 में बीईओ कार्यालय कोटा में आवक जावक शाखा देखने वाले बेदूकैवर्त पर पांच हजार रूपए की राशि रिश्वत में लेने के आरोप में एसीबी ने कार्यवाही की थी । जिसके बाद उसे जेल दाखिल कर दिया था । तीन माह पहले ही वो जेल से छुटकर बाहर आया था चूंकि विभाग ने उसे निलंबित कर दिया था इसलिए वापस आने के बाद उसे कन्या शाला कोटा में पदस्थ किया गया ।


मोहल्ले वालों ने बताया कि बेदू कैवर्त जेल से आने के बाद लोगों से कम ही मिलता था तथा बाहर निकलने पर पूरा चेहरा ढक कर बाहर आता था जिससे कोई उसे पहचान ना पाए । अपने आप में अकेले रहते हुए बेदू कैवर्त शायद डिप्रेशन का शिकार हो गया हो । आज सुबह उसने बोईरखोली फाटक के पास ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे दी । जानकारी के बाद कोटा पुलिस मौके पर पहुंची और अपनी कार्यवाही मे जुट गई ।

मृतक के आत्महत्या करने की जानकारी के बाद मृतक के परिजनों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया, मानसिक प्रताड़ना के कारण ही मृतक ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया, ऐसा मृतक के परिजनों का आरोप है, मृतक के आत्महत्या के बाद अब इस पूरे मामले की जांच की कोटा पुलिस विवेचना कर रही है।


इस घटना ने समाज के सामने कई ज्वलंत सवालों को खड़ा कर दिया है । क्या एक व्यक्ति के जेल से बाहर आने के बाद उसकी काउंसलिंग नहीं होनी चाहिए ? क्या उसे इतना साहस और हिम्मत नहीं दिलाना चाहिए कि वो जेल से बाहर आकर सामान्य रह सके ? यदि कोई भ्रष्टाचार के ही आरोप में अंदर हो तो क्या उसका कार्यालय उससे दूरी बना ले ? यदि मृतक के आस पास के सभी लोग उससे बात करते , दिलासा दिलाते तो शायद बेदू कैवर्त ये कदम नहीं उठाता लेकिन जो होना था वो तो हो गया । रिश्वतखोरी के आरोपों और उसके बाद की परिस्थितियों को झेलते हुए आज बेदू टूट गया और उसने वो कदम उठाया जिसे जिंदगी का आखरी कदम कहें तो गलत नहीं होगा । जेल प्रशासन और नीति नियम बनाने वालों को अब ध्यान देना होगा कि ऐसे हर व्यक्ति की काउंसलिंग करें जो पहली बार जेल आया हो और वहां से जमानत पर बाहर जा रहा हो ताकि लोग ऐसे कदम ना उठा पाए ।

( घटना की वास्तविक तस्वीरें दबंग न्यूज लाईव के पास है लेकिन विभत्स है इसलिए प्रतिकात्मक तस्वीरों का सहारा लिया गया है ।)

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