दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल से आया शर्मनाक विडियो ।
लाखों वेतन पाने वाले जिम्मेदार डाक्टर का शर्मनाक विडियो ।
दबंग न्यूज लाईव
शुक्रवार 28.08.2020
दंतेवाड़ा – करोड़ों की लागत से बने हुए दंतेवाड़ा जिला अस्पताल अपने आप में ही अनोखा है इसके निर्माण एवं रखरखाव में इतना पैसा लगा है जिससे तीन नए अस्पताल निर्मित हो जाते । बस्तर जैसे पिछड़े आदिवासी अँचल में शिक्षा एवं उपचार की सुविधा आज तक दुरुस्त नहीं हो पायी है, एनएमडीसी के द्वारा 2.5 लाख मासिक वेतन भुगतान के बावजूद भी बाहर से आए बड़े बड़े डाक्टर यहाँ जनता की सेवा के लिए नहीं बल्कि अय्याशी करने आते है उन्हें किसी के जीवन मृत्यु से कोई लेना देना नहीं है ।
जिला अस्पताल में आज एक और घटना हुई जिसमें कटेकल्याण निवासी अजमन ठाकुर को सुबह से शरीर में दर्द की शिकायत थी जब उसे कटेकल्याण के प्राथमिक उपचार केंद्र में उसके उपचार के लिए ले जाया गया तो वहाँ के डाक्टरों ने उसे जिला अस्पताल दंतेवाड़ा रेफर किया दोपहर दो बजे अजमन को जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में भर्ती करवाया गया साथ ही उसके उपचार की प्रक्रिया शुरू हुई ।
देर शाम से उसकी तबियत और खराब होने लगी रात 9 बजे अजमन साँस लेने में तकलीफ शुरू हुई परिवार वालों ने आपातकालीन ड्यूटी में तैनात कोरोना वारियर डाक्टर श्री जे पात्रे के कमरे का दरवाजा खटखटाया पर उन्होंने दरवाजा नहीं खोला निरंतर ही अजमन की तबियत और खराब होते चले गयी और कुछ देर पश्चात् अजमन की मृत्यु हो गयी ।
तत्पश्चात् नशे में धूत डाक्टर जे पात्रे अजमन की मृत शरीर के पास पहुँचकर कहते है कि मैं मुर्दे को जिंदा कर दूँगा फिर कोशिश करते है उसे ठीक करने की पर वो असफल होते है शायद अगर वो पहले आ जाए रहते तो आज अजमन जिंदा होता पर साहेब को तो शराब के शबाब में चूर होना था, जहाँ हम डाक्टरों को भगवान का रूप कहते है वहीं पात्रे जी जैसे डाक्टर खुद को यमराज साबित कर देते है, सिर्फ 37 वर्ष की कम आयु में अजमन ठाकुर की मृत्यु हो गयी पर यह तो हमारे जिला अस्पताल में यह आम सी बात हो गयी है रात्रि के ड्यूटी के अलावा दिन में भी कई डाक्टर नशे में धूत रहते है तब अगर किसी मरीज को कुछ हो जाता है तो उसके परिजनों के हंगामे से बचने के लिए वे खुद के ऊपर हाथापाई का झूठा इल्जाम लगाकर उन्हें पुलिस केस में फँसा देते है ।
मामला सामने आने के बाद कलेक्टर दक्षिण बस्तर ने इन्हें दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है ।