करगी रोडकोरबापेंड्रा रोडबिलासपुरभारतमरवाहीरायपुर

महिला एवं बाल विकास विभाग में 2016 से सेवा दे रहे तकनीकी सलाहकारों पर रोजगार का संकट ।

तकनीकी सलाहकारों ने विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया के सामने रखी अपनी समस्या ।
टुकड़ों टुकड़ों में नियुक्ति से कैसे होगा प्रदेश से कुपोषण दूर ।

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 27.08.2020

 

रायपुर – प्रदेश भर में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए पिछले चार साल से विभाग में टुकड़ों टुकड़ों में अपनी सेवाएं दे रहे तकनीकी सलाहकारों के सामने अब अपने भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं । ऐसे में उन्होंने विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया के सामने अपनी समस्या को रखा है ।


2016 में इस्निप के अंतर्गत प्रदेश के 12 जिलों पर 56 अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति आउट सोर्सिग के माध्यम से की गई थी । इस समय ये परियोजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सामने आई थी बाद में इसे सभी जिलों में लागू करना था और ऐसे में विभाग को लगभग 297 अधिकारी कर्मचारी मिलते जो प्रदेश में स्वास्थ्य एवं पोषण कार्यक्रम में विभाग को तकनीकी सलाह देते । लेकिन इस प्रोजेक्ट को आए चार साल हो गए । इन चार सालों में प्रोजेक्ट 12 जिलों से आगे नहीं बढ़ पाया ।


जिन 12 जिलों में इस परियोजना के तहत कार्य चल रहा है अब वहां के 56 लोगों के सामने अपने भविष्य को लेकर संकट पैदा हो गया है । मार्च के बाद से इन्हें वेतन नहीं प्राप्त नहीं हुआ है । इनकी मजबूरी ये है कि इनकी नियुक्ति आउट सोर्सिग के जरीए हुई है ऐसे में ये वेतन के लिए सीधे अधिकारियों को बोल नहीं सकते और आउट सोर्सिग कंपनी काल मी ये बोल देती है कि आपके एक्सटेंशन का पत्र ही प्राप्त नहीं हुआ है , फण्ड ही नहीं आया है ।


सबसे बड़ी विडबंना ये है कि 2016 से 2018 तक ये परियोजना ठीक से चली तब सीधे एक साल के लिए इनकी नियुक्ति हो जाती थी लेकिन पिछले दो सालों से इन्हें तीन तीन माह के लिए अनुमति मिल रही है । ऐसे में इनके सामने सेलरी के साथ ही अपने भविष्य का भी खतरा पैदा हो जाता है ।


तकनीकी सलाहकारों का कहना है कि तीन तीन माह सेवा अवधी बढ़ाए जाने के कारण उन्हें नियमित रूप से वेतन नहीं मिल पा रहा है जिससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाता है । साथ ही तीन तीन माह सेवा अवधी बढ़ाए जाने से उनका भविष्य भी अधर में लटके रहता है । जबकि झारखंड जैसे राज्यों में इनकी सेवा अवधि बढ़े हुए वेतन के साथ लंबे समय के लिए की गई है ।


तकनीकी सलाहकारों ने छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के जरीए अपनी बात मंत्री तक पहुंचाई है । देखना होगा पिछले 4 सालों से अधर में होने के बावजूद अपनी सेवाओें को जिम्मेदारी से निभाने वाले इन तकनीकी सलाहकारों के भविष्य को लेकर सरकार क्या करती है ।

Related Articles

Back to top button