सरकार अबोध बच्चों व गर्भवती महिलाओं , 1 लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ,सहायिकाओं कीे जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है I
अबोध बच्चों व गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन खिलाना ही है तो घर घर जाकर गर्म भोजन दे ।
दबंग न्यूज लाईव
रविवार 06.09.2020
रायपुर – भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कल 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहां है कि सरकार 5 साल से कम उम्र के मासूम बच्चों एवं गर्भवती माताओं के साथ साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहयोगियों के जिंदगी से खिलवाड़ करने पर तुली हुई है ।
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कल 7 सितंबर से आंगनबाड़ी खोलने के निर्णय को तुगलकी निर्णय बताते हुए कहां है कि आज कोविड-19 की बीमारी भयावह रूप से पूरे प्रदेश में अपना पैर पसार रही है हजारो हजार लोग रोज प्रभावित हो रहे है , अस्पतालों में बेड नही है , इलाज की व्यवस्था नही है । शहर से लेकर गांव तक संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है आज के इस स्थिति में प्रदेश का पूरा 28 जिला प्रभावित हो गया है । ऐसे समय में मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र खोलना किसी भी दिशा से उचित नहीं है ।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक एक कमरे में धनी बस्तियों के बीच आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं । उन केंद्रों में बच्चों को बुलाना व गर्भवती महिलाओं को बुलाना कहां तक उचित है । बच्चे और गर्भवती महिलाओं को एक कमरे के चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में सोशल डिसटेसिंग का पालन करवाना कैसा सम्भव होगा ।
पूरे प्रदेश में महिला बाल विकास के कर्मचारी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 के तहत घर घर जाकर सर्वे के काम में लगी हुई है और जिनकी ड्यूटी इस काम में नहीं लगी है वह भी इस काम में लगे अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ बस्तियों का सर्वे में सहयोग करते हुए उन्हें मोहल्लों में घुमा रही हैं। आप बताइए जो महिलाएं घर-घर घूम रही हैं सर्वे कर रही हैं , अनेक लोग इसके चलते कोविड से प्रभावित भी है व प्रभावित भी होंगे ,उनके जिम्मे बच्चों को भेजना गर्भवती महिलाओं को भेजना कहां तक उचित है । शासन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक गर्भवती महिला व बच्चों के शरीर के तापमान का रिकॉर्ड रखें । इस काम के लिए ना तो उनके पास थर्मामीटर है और ना ही थर्मल स्कैनर है और ना ही उन्हें पीपीई कीट दिया गया है । फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसा निर्देश देकर उनकी जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रही है सरकार ।