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गजब है भाई – कोटा के एक ग्राम पंचायत ने शौचालय के नौ लाख रूपए पचा लिए और प्रेशर भी नहीं बना । जांच टीम ने पाई थी नौ लाख की गड़बड़ी ।

शिकायत हुई , जांच हुई , गड़बड़ी भी पाई गई लेकिन कार्यवाही का जुलाब नहीं दिया गया ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 04.09.2021

करगीरोड कोटा स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोटा जनपद के एक पंचायत ने लगभग नौ लाख रूपए शौचालय के पचा लिए और मजाल की प्रेशर भी बन जाए और पचाने वालों को उसी शौचालय में जाना पड़ जाए । इस पंचायत ने दस लोगों के तो शौचालय ही नही बनवाए और सीधे सीधे एक लाख बीस हजार पचा लिए । इसके बाद भी कई लोगों को जिन्होंने अपने पैसों से शौचालय बनवाए थे उन्हें राशि का ही भुगतान नहीं किया ।

मामला है कोटा जनपद के पोडी ग्राम पंचायत का । यहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण करवाया जाना था । शौचालय निर्माण के समय सरकारी नियम के अनुसार शोैचालय का निर्माण ग्राम पंचायत और हितग्राही दोनों को मिलकर करना था । बाद में जितना पैसा हितग्राही व्यय करता उतनी राशि पंचायत के द्वारा हितग्राही को दे दी जती । या फिर हितग्राही स्वयं ही सम्पूर्ण राशि खर्च करके अपना शौचालय बनाता और बारह हजार की राशि ग्राम पंचायत से ले सकता था । पोडी में शौचालय का निर्माण हुआ भी लेकिन हितग्राहियों को एक रूपए भी पंचायत ने अंशदान के नहीं दिए ।

 

इस बात की शिकायत पंचायत के लोगों ने जनपद के अधिकारियों से कई बार की लेकिन गांव वालों की समस्या का हल अभी तक नहीं हुआ । ये मामला है 2019 का । उसके बाद एक जांच समिति बनाई गई । जांच अधिकारी पंचायत पहुंचे फिर एक एक हितग्राही के घर जाकर पूछताछ हुई , प्रतिवेदन बना और कार्यालय में जमा हो गया ।


जांच में सामने आया कि लगभग दस हितग्राहियों के यहां तो शौचालय ही नहीं बना है और कागज में बना दिखा कर दस शौचालय के एक लाख बीस हजार रूपए हजम कर लिए गए । इसके लिए जांच टीम ने सरपंच और सचिव को जिम्मेदार माना और इस एक लाख बीस हजार की राशि को दोनों से बराबर बराबर वसुली की सिफारिश की । इसी प्रकार 163 हितग्राहियों को 784300.00 अंशदान की राशि बकाया पाई गई ।

फाईल फोटो

जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन जनपद पंचायत को सौंप दिया लेकिन अभी तक इस फाईल पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है । यदि ऐसाा ही जांच जांच खेल कर लोगों को बेवकुफ बनाना है तो ये अच्छा काम है लेकिन यदि वाकई में भ्रष्टाचार से लोगों को निजात दिलाना है तो फिर जांच के बाद कार्यवाही भी होनी चाहिए लेकिन सवाल तो यही उठता है कि आखिर कार्यवाही करे कौन क्योंकि इस खेल की मलाई तो सभी पचाते हैं ।

फाईल फोटो

इसलिए शौचालय कागज पर बनाओं और कागज से पोछ लो । सरकार से इसके निर्माण के लिए जो राशि कागज के रूप में आए उसके कागज में अमलीजामा पहनाकर ,दिखाकर हजम कर लो ।

पंचायत के एक हितग्राही हरि जायसवाल का कहना था – पंचायत में शौचालय तो बने हैं लेकिन जिन हितग्राहियों ने शौचालय में अपने पैसे लगाए हैं उन्हें उनका पैसा अभी तक नहीं मिला है । शिकायत पर जांच जरूर हुई और जांच टीम ने भी माना कि पंचायत ने शौचालय का पैसा हितग्राहियों को नहीं दिया है लेकिन इसके बाद भी कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है । पंचायत के लोग कई बार इस बारे में अधिकारियों को आवेदन दे चुके हैं ।

इस संबंध में जनपद सीईओ से दो दिन पहले से जानकारी चाही गई थी लेकिन उनका इस मामले में कोई जवाब नहीं आया है इसलिए जनपद पंचायत ने इस मामले में क्या किया ये नहीं पता ।

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