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कांग्रेस प्रत्याशीयों के नामाकंन के बाद प्रियंका गांधी का जंगी आगाज ।

जोगी कांग्रेस को नामांकन भरते ही लगा झटका ।

दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 31.10.2023

करगीरोड कोटा – कोटा विधानसभा में इस बार का चुनाव कई मायनों के लिए याद किया जाएगा । ये पहली बार होगा जब तीनों प्रमुख पार्टीयों के पास अपने अपने दावे और वायदों के साथ हार और जीत की समीक्षा करने का अवसर होगा । दुसरे चरण के चुनाव में नामांकन भरने की कल आखरी तारिख थी । ऐसे में कल बिलासपुर में जो जाम लगा और लोगों को जो दिक्कत हुई उससे निर्वाचन आयोग को ये समझना चाहिए कि विधानसभा के नामाकंन यदि विधानसभा में ही जमा हों तो शहर में बेवजह के जाम और परेशानी से लोग बच सकते हैं और शहर की यातायात व्यवस्था भी नहीं बिगडे़गी ।


लेकिन इन सब अव्यवस्थाओं को छोड़ते हुए बात करते हैं कल के नामाकंन और उसके बाद की राजनैतिक उठापटक की । कल कोटा से कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव ने भी अपना नामांकन भरा साथ ही जनता कांग्रेस से डा रेणु जोगी ने भी । इसके अलावा कोटा विधानसभा से पार्टीयों और निर्दलीयों को मिलाकर कल तेरह उम्मीदवारों ने 22 नामाकंन फार्म जमा किये जिसमें नेतराम साहू , मुकेश कौशिक , चेतन मानिकपुरी ,मनोज बिरको ,लक्ष्मीनारायण पोर्ते ,जावेदखान ,ललिता पैकरा ,मनोज खांडे ,भुनेश्वर मार्को ,प्यारेलाल रात्रे , और रमेश यादव ने अपने नामांकन जमा किए ।


नामाकंन जमा करने के बाद कांग्रेस की एक सभा आयोजित हुई जिसमें कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी पहुंची थी उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे और मंच पर कोटा के विधानसभा प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव भी । सभा कांग्रेस की थी लेकिन झटका जनता कांग्रेस को लगा कांग्रेस की इस सभा में जनता कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया । इसमें विधायक रेणु जोगी के विधायकत प्रतिनिधि संजय जायसवाल ,आदिवासी नेता विधिराम सिदार एवं देवकुमार थवाईत के साथ ही लगभग बीस लोगों को प्रियंका गांधी ने कांग्रेस का गमछा पहनाकर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई ।


मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस को जानने और मानने वाले लोग कांग्रेस में वापस आ रहे है और इस बार फिर से प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार बनने वाली है ।

जनता कांग्रेस ने भी कोटा में अपना चुनाव कार्यालय का उदघाटन कर लिया है और अब चुनावी रणनीति यहीं से संचालित होगी । जबकि कांग्रेस और भाजपा ने भी अपने अपने कार्यालय से आगे की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है ।


ये चुनाव तीनों प्रमुख पार्टीयों के लिए कई नए अध्याय लेकर आएगा । कांग्रेस को जहां अपनी खोई सीट पानी है वहीं जनता कांग्रेस पर इस सीट को बचाने का दबाव होगा तो भाजपा के पास इस सीट पर पहली बार अपना परचम फहराने का । ऐसे में जो पार्टी अपनी बात लोगों तक सहीं समय पर सहीं तरीके से पहुंचा दे माहौल उसके पक्ष में हो सकता है ।

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