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अमित जोगी भष्मासुर है , हमको पार्टी की कमान मिली तो अमित जोगी और धरमजीत सिंह को निष्कासित कर दिया जाएगा – प्रमोद शर्मा ।

छत्तीसगढ़ में जनता कांग्रेस क्या वाकई में खतम होने की कगार पर है ?

दबंग न्यूज लाईव
बुधवार 18.11.2020

 

संजीव शुक्ला
7000322152

रायपुर – क्या छत्तीसगढ़ में जनता कांग्र्रेस वाकई में खतम होने की कगार पर है ? ये यक्ष प्रश्न लगभग सभी के दिमाग में होगा । जनता कांग्रेस के गिने चुने शिर्ष नेताओं के क्रिया कलाप और बयानबाजी को देखने सुनने के बाद ये प्रश्न भी सामने आ ही जाता है कि जनता कांग्रेस के ये नेता आखिर किस पार्टी में अपने आप को विलय करेंगे ।


मरवाही चुनाव के बाद से ये सवाल और तेजी से उठने शुरू हो गए । जब जनता कांग्रेस के दो विधायक प्रमोद शर्मा और देवव्रत सिंह ने खुले रूप से कांग्रेस का समर्थन किया और बाद में जनता कांग्रेस के अध्यक्ष अमित जोगी और धरमजीत सिंह सहित डा रेणु जोगी ने भाजपा का । यानी दरार मरवाही चुनाव के समय ही पड़ गई ।


चुनाव के बाद जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने जब देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा के खिलाफ उनके ही विधानसभा में हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की बात कही तो बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा भड़क उठे और उनका जो बयान आया उसने जनता कांग्रेस के समाप्त होने की कहानी बयां कर दी ।


प्रमोद शर्मा ने अपने इंटरव्यु में कहा कि – छत्तीसगढ़ में अब जनता कांग्रेस बची ही कहां है । जब तक स्व.अजीत जोगी थे तब तक पार्टी थी । अमित जोगी तो भष्मासुर हैं जो पार्टी को बेचने पर तुले हैं और अच्छे आफर का इंतजार कर रहे हैं । अमित जोगी बाथरूम में बैठकर निर्णय ले लेते हैं और उसे कोर कमेटी का निर्णय बताते हैं । धरमजीत सिंह खुले आम कहते हैं कि चुनाव के छह माह पहले वे भाजपा में चले जाएंगे और उससे चुनाव लड़ेंगे । यदि ये इतने ही पार्टी के हितैषी हैं तो क्यों नहीं पार्टी को आगे ले जाने का काम करते । प्रमोद शर्मा ने आगे कहा कि यदि उन्हें पाटी की कमान मिलती है तो अमित जोगी और धरमजीत सिंह को पार्टी से निष्काषित कर दिया जाएगा और पार्टी को फिर से मजबूत किया जाएगा ।


प्रमोद शर्मा के इस बयान से इतना तो स्पष्ट हो गया है कि जनता कांग्रेस में काफी गहरी दरार पैदा हो गई है जो अब भरने वाली नहीं है । क्योंकि सभी शिर्ष नेताओं की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा सामने आ रही है चाहे वो विधायक शर्मा हों या देवव्रत सिंह हो या पार्टी के संकटमोचक रहे धरमजीत सिंह ।


स्व.अजीत जोगी ने प्रदेश में तीसरे स्थानीय मोर्चे का और प्रादेशिक पार्टी का सपना देखते हुए जनता कांग्रेस का गठन किया था लगता नहीं अब प्रदेश में उसका असतित्व बचेगा । खैर राजनीति में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता इसलिए समय को देखते रहिए कि जनता कांग्रेस के नेता पार्टी और अपने हित में क्या निर्णय लेते हैं । वैसे प्रमोद शर्मा के बचयान के बाद अमित जोगी ने भी टविट किया है कि प्रमोद शर्मा से मतभेद हो सकता है मनभेद नहीं । वो मेरे बड़े भाई के समान हैं । अब अमित जोगी के इस बयान को प्रमोद शर्मा केैसे लेते हैं पता नहीं ।

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