तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है …
तेरह साल के मोहम्मद फैजान ने नेत्र दान करके पेश की मिसाल ।
दबंग न्यूज लाईव
मंगलवार 09.01.2024
करगीरोड कोटा – मजरूह सुल्तानपुरी ने फैज अहमद फैज की एक गजल से प्रेरित होकर एक गीत लिख दिया था ’तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है…गीत की इस लाईन को यदि गहराई से महसूस किया जाए तो ये सहीं है कि इंसान के इस दुनिया से जाने के बाद भी यदि वो चाहे तो उसकी आंखे इस खुबसुरत जहां को देख सकती हैं । कोटा में कल जो हुआ उससे निश्चित ही आने वाले समय में लोग प्रेरित होंगे ।
कोटा में कल हास्पीटल ब्लड मेडिसिन ने एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया । रक्तदान शिविर के बाद कोटा के समाजिक कार्यकर्ता और पेशे से पत्रकार जावेद खान और उनके परिवार के पांच लोगों ने सामूहिक रूप से नेत्रदान करने का संकल्प लिया । इस दौर में जहां लोग भावनाओं से रिक्त होते जा रहे हैं उस समय एक परिवार का निर्णय आने वाले समय में कोटा के लोगों को प्रेरित करेगा कि वो भी जरूरतमंदों के लिए अपनी आंखों का दान करके एक मिसाल कायम करें ।
रक्तदान शिविर के दौरान ही पांच लोगों ने नेत्रदान करने का संकल्प भी लिया । कोटा के पत्रकार जावेद खान ने भी इस शिविर में रक्तदान करने पहुंचे तो उनके साथ उनका तेरह वर्षिय पुत्र फैजान भी साथ आ गया लोगों को रक्तदान करते देख उसने भी पूछा क्या मैं भी रक्तदान कर सकता हूं बच्चे की बात और उसका जज्बा देख लोग चकित हो गए बच्चे को समझाया गया कि अभी आप छोटे हो बड़े होने के बाद ये कर सकते हो ।
पत्रकार मोहम्मद जावेद खान ने अपनी पत्नी के साथ मृत्यु-उपरांत नेत्रदान करने के लिए जब फार्म भरा तो उनको देख तेरह वर्षिय बच्चे मोहम्मद फैजान से भी रहा नहीं गया और उसने भी नेत्रदान करने का संकल्प ले लिया । इसके बाद कदम फाउंडेशन के सदस्यों की उपस्थिति में फार्म भरकर नेत्रदान वसीयत दिया गया ।
तेरह वर्षीय बालक के जज्बे व हिम्मत की आयोजन-कर्ताओं सहित उपस्थित लोगो ने प्रशंसा करते हुए कहा कि मोहम्मद फैजान-खान के इस जज्बे व हिम्मत से आने वाली नई पीढ़ी व बाकी लोगो में जागरूकता के साथ प्रोत्साहित करेगी।